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ऐसे छेड़ा जाता है अभियान
अशांति की जड़ वाले इलाकों से तलाशी के जरिये उपद्रवी तत्वों को निकालने की मुहिम 90 के दशक में घाटी में आम थी। इसके तहत किसी भी इलाके को घेरकर उसकी नाकेबंदी कर दी जाती है। घेरे गए इलाके में बाहर से कोई शख्स नहीं आ सकता और न ही अंदर से कोई शख्स बाहर जा सकता है। कुछ विशेष मामलों को छोड़कर अमूमन जो जहां है, उसे अभियान खत्म होने तक वहीं रहना पड़ता है।
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