कश्मीर के अनंतनाग जिले के अचबल में शुक्रवार(16 जून) को जिन आतंकियों ने हमला किया था उन्होंने हमले में शहीद हुए 6 पुलिसकर्मियों के शवों के साथ बर्बरता की है। आतंकवादियों ने इनके चेहरे विकृत कर गिए और इसके बाद उनके हथियार लेकर भाग गए।
पुलिस महानिदेशक एसपी वैद्य ने यहां पीटीआई भाषा को बताया कि पुलवामा निवासी फिरोज नाम का एक उप निरीक्षक, एक चालक और चार अन्य पुलिसकर्मी इस हमले में शहीद हुए। वे लोग अपनी जीप में नियमित गश्त पर थे।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने इस हमले के पीछे पाक आधारित आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा का हाथ होने का अनुमान लगया था। संगठन अरवानी मुठभेड़ का बदला लेना चाहता था जिसमें उसका स्थानीय कमांडर जुनैद मट्टू के मारे जाने की बात मानी जाती है। बिजबेहरा इलाके के अरवानी में शुक्रवार की ही सुबह मुठभेड़ हुई। उसमें मट्टू समेत सभी तीनों आतंकवादियों के मारे जाने की बात कही गई। हालांकि, कोई भी शव अब तक बरामद नहीं हुआ। अधिकारियों ने बताया कि सेना भेजी गई है और इलाके में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।
भाषा की खबर के मुताबिक, लश्कर ए तय्यबा ने श्रीनगर की लोकल न्यूज एजंसी से बात करते हुए हमले की जिम्मेदारी ली। जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने हमले पर दुख जाहिर किया। महबूबा ने कहा कि हिंसा और मासूम लोगों की जान जाने से राज्य शांति की जगह सिर्फ बर्बादी की तरफ जाएगा। जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने भी घटना पर ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि जवानों के शव के साथ बर्बरता एक कायरतापूर्ण कृत्य है।
इससे पहले 28 मई को जम्मू कश्मीर बैंक की कैश वैन पर ऐसा ही हमला हुआ था। उसमें पांच पुलिसवाले और दो प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड मारे गए थे। वह हमला कुलगाम सेक्टर में हुआ था।