अखिलेश के लिए रास्ता छोड़ देने में ‘खुशी’ महसूस होगी: शीला दीक्षित

0
2 of 2Next
Use your ← → (arrow) keys to browse

हालांकि दोनों पक्षों – मुलायम तथा अखिलेश – के बीच मंगलवार को पार्टी को टूटने से बचाने पर विचार-विमर्श के लिए बैठक हुई थी, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल पाया था। वैसे दोनों ही पक्षों ने समाजवादी पार्टी के चुनाव चिह्न ‘साइकिल’ पर अपना-अपना दावा पेश किया है, सो, यह भी स्पष्ट है कि पूरी तरह हार मानने के लिए कोई भी पक्ष तैयार नहीं है।

इसे भी पढ़िए :  जानिए कैसे दहली थी 1993 में मुंबई

भले ही यादव परिवार के बीच झगड़ा खत्म नहीं हो रहा है, लेकिन कांग्रेस इस वक्त अखिलेश यादव गुट के साथ साझीदारी करने की इच्छुक है, क्योंकि वह मुलायम सिंह के गुट से ज़्यादा बड़ा और ताकतवर नज़र आ रहा है। इससे पहले, अखिलेश यादव कह भी चुके हैं कि उनके विचार से कांग्रेस के साथ गठबंधन करना फायदेमंद हो सकता है।

इसे भी पढ़िए :  कावेरी विवाद: किसानों के भारी विरोध के बीच तमिलनाडु को पानी देगा कर्नाटक
2 of 2Next
Use your ← → (arrow) keys to browse