सीनियर अधिकारी ने बताया जेल में करीब 50 सीसीटीवी कैमरा हैं, जिनमें से अधिकतर काम करते हैं। लेकिन ब्लॉक बी (जिसमें ये सिमी कैदी थे) के ही तीनों सीसीटीवी का बंद हो जाना संयोग तो बिलकुल नहीं लगता। इन्हें जरूर बंद किया गया होगा। उन्होंने कहा कि इन तीनों ही कैमरे में सात दिन की मैमोरी खाली थी। जिसका सीधा मतलब है कि इन्हें लंबे समय से बंद किया हुआ था।
ऑफिसर ने बताया कि आतंकियों की लंबी प्लानिंग का ही नमूना है कि टूथब्रश से उन्होंने हर ताले की चाबी तक बना ली थी। अधिकारी के मुताबिक, ब्रश को चाबी के रूप में ढालने के लिए उन्हें किसी बाहर के शख्स ने चाबियों का ढांचा दिया होगा। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि पिछले सोमवार सुबह हुई वारदात के बाद राज्य सरकार के कुछ वरिष्ठ अधिकारी जांच के लिए जेल पहुंचे थे। वहां उन्हें नाली के पास पड़ा एक चाकू भी मिला था।
गौरतलब है कि सोमवार (31 अक्टूबर) को आठ अंडरट्रायल कैदी भोपाल की सेंट्रल जेल से एक सुरक्षागार्ड की हत्या करके भाग गए थे। पुलिस ने कहा था कि स्टील की प्लेट को पैना करके उन लोगों ने गार्ड की हत्या की थी और फिर बेडशीट की मदद से 30 फिट की दीवार कूदकर भाग गए थे। उन सभी लोगों पर मर्डर, देशद्रोह और दंगे करवाने के आरोप थे। विपक्षी पार्टियों द्वारा एनकाउंटर पर सवाल उठाए गए थे। विपक्ष ने इस मामले की निष्पक्ष जांच करवाने की भी मांग की थी। यह जांच घटनास्थल की तीन वीडियो और दो ऑडियो सामने आने के बाद उनको बेस बनाकर हो सकती है।