भोपाल सेंट्रल जेल से फरार होने के बाद मुठभेड़ में मार गिराए गए सिमी के 8 आतंकी का जेल से भागने का रहस्य अभी तक पूरी तरह साफ नहीं हुआ है। लेकिन अभी तक की जांच में यह पता चला हैं की किसी अंदर के व्यक्ति की मदद से यह आतंकी जेल से भागने में सफल हुए थे। जानकारी के मुताबिक, जांच में ताले की नकली चाबी और नाली के पास एक चाकू मिला, इसके अलावा जिस बैरक में आतंकी रह रहे थे उसका सीसीटीवी भी बंद मिला। इन तथ्यों के आधार मध्य प्रदेश के सीनियर अधिकारियों का शक जा रहा है कि कैदियों को भागने में अंदरुनी मदद मिली होगी।
एक सीनियर अधिकारी ने नाम का खुलासा ना करने की शर्त पर अखबार द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि जिस हद तक कैदियों की मदद की गई वह चौंका देने वाली है। मप्र के गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बताया कि अंदर की मिलीभगत के बिना ऐसा संभव ही नहीं हो सकता। उन्होंने आरोप लगाया कि जेल से भागने के लिए बाह्य फंडिंग भी की गई होगी। भूपेंद्र सिंह ने बोला, इसके लिए कम से कम दो से तीन महीने से योजना बनाई जा रही होगी, क्योंकि डुपलिकेट चाबी बनाने में इतना समय लग जाता है।