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30 अक्टूबर की रात को भोपाल जेल से प्रतिबंधित संगठन सिमी के आठ आतंकी कांस्टेबल की हत्या करके फरार हो गए थे, लेकिन दस घंटे बाद ही वो भोपाल के गांव में पुलिस एनकाउंटर में मारे गए थे। जेल से भागे आतंकियों का फरार होना और चंद घंटे बाद उनके एनकांउटर का दावा किया जाना। पहले दिन से ही सवालों के घेरे में है। ऐसे में इस वारदात की जांच जारी है।
जांच में ये चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई कि भोपाल जेल की सुरक्षा में तैनात 60 फीसदी स्टाफ मंत्री, अधिकारियों के बंगलों की सुरक्षा में तैनात किए गए।
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