अगले साल उत्तरप्रदेश में चुनाव होने जा रहे हैं। ऐसे में सारी पार्टियों की नज़र यूपी में सत्ता पर टिकी हैं। सभी पार्टियां यूपी चुनाव को लेकर जी-तोड़ मेहनत में लगी हैं। लेकिन कांग्रेस में नेताओं के पलायन का दौर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। साल 2014 लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस की हालत उस डूबती हुई नाव जैसी हो गई है। जिसमें सवारी करना नेताओं को खतरा लगने लगा है। यही वजह है कि एक के बाद एक पार्टी के दिग्गज नेता पार्टी का दामन छोड़ रहे हैं। इसी कहानी में एक नया अध्याय उस वक्त जुड़ गया जब उत्तरप्रदेश में कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल खत्री ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को जोरदार झटका लगा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल खत्री ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। सूत्रों की माने तो निर्मल खत्री ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा भेज दिया है जो लिखित रुप में है। बताया जा रहा है कि पार्टी हाईकमान ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।
रिपोर्ट के अनुसार ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी विधानसभा चुनाव से पहले खासकर ब्राह्मण समुदाय से राज्य के लिए नया प्रदेश प्रमुख की खोज कर रही है। कांग्रेस महासचिव गुलाम नबी आजाद ने पहले ही संकेत दिया था कि प्रदेश कांग्रेस समिति में बदलाव किया जा सकता है।
आपको बता दें कि चुनावी जादूगर प्रशांत किशोर ने कांग्रेस को अपने परम्परागत वोट बैंक ब्राह्मण और मुस्लिम पर ध्यान केंद्रीत करने को कहा है। इसके बाद ही गुलाम नबी आजाद को यूपी कांग्रेस का प्रभारी नियुक्त किया गया जिसके बाद से ही मीडिया में निर्मल खत्री के इस्तीफे को लेकर कयास लगाए जाने लगे थे। खत्री के इस्तीफे के बाद सभी अटकलों पर विराम लग गया है।