भोपाल में जेल से भागे सिमी के आठ कार्यकर्ताओं के मुठभेड़ में मारे जाने की घटना के बाद से ही लगातार हर और से सवाल उठ रहे है। ये सभी सोमवार को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के सेन्ट्रल जेल से फरार हो गए थे। वहीं कांग्रेस, लेफ्ट, एआईएमआईएम और आप ने एनकाउंटर पर सवाल उठाते हुए न्यायिक जांच की मांग की है। इसी के बीच सिमी एनकाउंटर केस में मध्य प्रदेश पुलिस के ख़िलाफ़ नए सबूत सामने आया हैं। कैच न्यूज ने एक ऑडियो क्लिप जारी किया है जिसमें एमपी पुलिस के अफसर कंट्रोल रूम से बैठकर ईंटखेड़ी में मौक़े पर मौजूद पुलिस टीम को फरार आरोपियों को मार गिराने का हुक्म दे रहे हैं।
मुठभेड़ के बाद आईजी योगेश चौधरी ने बताया था कि आठों आतंकियों को सरेंडर करने के लिए कहा गया था। आतंकियों ने सरेंडर करने के बजाए पुलिस पर फायरिंग कर दी। जवाबी फायरिंग में सभी आठ आतंकी मारे गए। लेकिन कैच न्यूज द्वारा जारी किए गए इस ऑडियो क्लिप से यह साफ होता है कि पुलिस का इरादा सिमी कार्यकर्ताओं को गिरफ़्तार करने या उनसे सरेंडर करवाने का था ही नहीं।
ऑडियो क्लिप की शुरुआत में पुलिस टीम सिमी कार्यकर्ताओं और इनके घरवालों को भद्दी गालियां देते हुए सुनाई देती है। फिर महज़ 10 मिनट में आठ लोग मार गिराए जाते हैं। यह समय भी मुठभेड़ की सच्चाई पर सवाल खड़ा करती है। ऐसे तमाम उदाहरण हैं जब एक-दो आतंकियों से मुठभेड़ में पुलिस वालों को 24 घंटे से ज्यादा समय लग जाता है। जबकि इस मामले में महज दस मिनट के अंदर आठो फरार लोगों को पुलिस ने मार गिराया।
यह क्लिप मध्य प्रदेश पुलिस के पिछले सभी दावों पर सवालिया निशान लगते हुए साफ़ करती है कि उसका मकसद इन्हें मारना था ना कि उन्हें गिरफ्तार करना।
इस ऑडियो क्लिप में एक अफ़सर को यह कहते हुए साफ़ सुना जा सकता है, ‘सबको निपटा दो। घेर के पूरा कर दो काम तमाम।’ यह क्लिप सुनकर कही से भी ऐसा नहीं लगता की पुलिस टीम ने सिमी कार्यकर्ताओं से बात भी करने की कोशिश की। ऑडियो क्लिप में आगे एक जगह कहा गया है, ‘सिग्मा सेवन वन, चार पांच मर गए हैं। उनको गोली लग गई है।’ कंट्रोल रूम को यह इत्तेला करने के बाद जवाब आता है, ‘चलो शाबाश कोई दिक्कत नहीं है, हम लोग पहुंच रहे हैं।’ फिर इसके बाद कहा जाता है, ‘अब तीन बचे हैं।’
तकरीबन नौ मिनट की इस ऑडियो क्लिप के आख़िर में कहा गया है, ‘आठों मारे गए। (जिसके बाद सभी तालियां बजाते हैं, हंसते हैं) खेल ख़त्म।’
इसके बाद कंट्रोल रूम के अफ़सर और मौक़े पर मौजूद टीम एक-दूसरे को बधाई देती है, ‘सर बधाई हो, वेल डन, वेरी गुड.’
वहीं सोमवार को एनकाउंटर के बाद मध्यप्रदेश पुलिस के डीजीपी योगेश चौधरी ने पत्रकारों से कहा था, ‘यह पूरा ऑपरेशन एक घंटे में ख़त्म हुआ।’ जबकि ऑडियो क्लिप सुनने के बाद पता चलता है कि उनका दावा संदिग्ध है। इसमें एक घंटा नहीं बल्कि महज़ 9 से 10 मिनट लगे।