पुलिस उपमहानिरीक्षक ने बताया कि कुछ स्वयं सेवी संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को इस तरह के स्कूल के स्थायी संचालन के लिए लगाया गया है। उन्होंने बताया कि हरदा गांव में दरभंगा, मधुबनी और अन्य स्थानों के करीब 100 मजदूर परिवार मखाना की खेती में लगे हुए हैं जिनके बच्चों को शाम की इन पाठशालों में आने के लिए प्रेरित किया जाता है।
उपेंद्र ने बताया कि इस नेक काम के प्रति जो पुलिसकर्मी इच्छुक हैं वे मुफ्त अपना योगदान दे रहे हैं तथा पढा रहे हैं। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इन पाठशालों में पढने वाले बच्चों और व्यस्कों को मुफ्त किताब, कापी, पेंसिल और खेल की सामग्री उपलब्ध करायी जा रही है। उन्होंने बताया कि पुलिसकमिर्यों के लोगों के करीब आने से पुलिसिंग के कार्य में मदद मिलती है।
I have been directed to teach the children, DSP and the Inspector also do the same at times for these kids: Policeman Praveen Kumar pic.twitter.com/0NStxtuJwT
— ANI (@ANI_news) November 15, 2016
We are rag pickers, but now we are studying here. I wish to get into the police service some day: Suman (being taught by the policeman) pic.twitter.com/mjXp6uP8bo
— ANI (@ANI_news) November 15, 2016