वहीं हाल ही में राज्य के कन्नूर जिले में कथित तौर पर माकपा कार्यकर्ताओं ने बीजेपी के 30 साल के एक कार्यकर्ता की चाकू मारकर हत्या कर दी थी। एक अन्य घटना में थालीपरंबा स्थित आरएसएस के कार्यालय पर एक देसी बम फेका गया था। हालांकि उस समय घटना में कोई हताहत नहीं हुआ था।
ये दोनों बम आरएसएस के नारूवामूडू और मट्टनऊर के इलाके में बने दफ्तरों पर फेंके गए। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इन घटनाओं का विरोध किया है। उन्होंने राज्य में बंद का ऐलान किया है। गौरतलब है कि RSS के दफ्तरों पर बम फेंके जाने के कुछ घंटे पहले ही CPI(M) नेता की एक जन सभा में बम फेंका गया था। उस घटना में एक शख्स जख्मी हो गया था।
केरल में CPM-RSS के बीच ऐसी लड़ाईयां होती रहती हैं। इससे पहले भी ऐसी कई घटनाएं सामने आती रही हैं। दोनों के बीच यह लड़ाई मई 2016 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद से शुरू हुई है। उसमें लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF) सत्ता में आई थी। LDF में कुल 12 पार्टियां शामिल हैं। जिसमें से सबसे ज्यादा विधायक CPI(M) के ही हैं। केरल विधानसभा में CPI(M) के कुल 58 विधायक हैं। वहां कुल विधानसभा सीटों की संख्या 140 है। उसमें से LDF ने कुल 91 जीती थीं।































































