वीरता पर ‘दहशत’ का बुर्का

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आगरा : बारहवीं कक्षा में पढ़ने वाली नाजिया को कभी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने वीरता के पुरस्कार से नवाजा था। लेकिन वहीं नाजिया आज दहशत के साए में जी रही है। सट्टेबाजों के खिलाफ आवाज उठाई तो उसे पुलिस का सहारा नहीं मिला। दबंग सट्टेबाजों ने उसे सरेराह अगवा करने की कोशिश की। उस वक्त बस्ती वालों ने आरोपियों को खदेड़ दिया। मगर, दहशत के चलते अब वह बुर्के में बाहर निकलने को मजबूर है। बुधवार को परिजनों के साथ एसपी सिटी से मुलाकात कर नाजिया ने सुरक्षा मांगी है।
दर-असा, आगरा के मंटोला के सदर भट्टी क्षेत्र में सट्टे की गद्दी चलती है। इसी बस्ती में वीर बेटी नाजिया पुत्री कदीर का घर है। सट्टा बंद कराने के लिए क्षेत्रीय लोगों के साथ नाजिया और उसके परिवार वालों ने भी आवाज बुलंद की। विरोध के चलते बस्ती में सट्टा बंद हो गया। नाजिया और उसके परिजनों ने बताया इससे सटोरियों ने रंजिश मान ली। उसे और परिवार को अंजाम भुगतने की धमकी देनी शुरू कर दीं। उसे अगवा करने और परिवार को झूठे मामले में फंसाने की धमकी देने लगे। उन्होंने थाना पुलिस की मिलीभगत से भाइयों को शांति भंग में पाबंद करा दिया। चार दिन पूर्व कुछ युवकों ने उसे घर से बाहर से जबरन उठाकर ले जाने का प्रयास किया। शोर मचाने पर बस्ती वालों के वहां पहुंचने पर युवक भाग खड़े हुए। घटना के बाद से वह और परिवार बुरी तरह दहशत में आ गया। सुरक्षा के चलते वह स्कूल और बाजार जाने को अब बुर्का पहनकर निकल रही है। वहीं दबंग उसे खुलेआम धमकी दे रहे हैं।

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सगीर फातिमा गर्ल्स इंटर कॉलेज की छात्रा नाजिया ने पिछले साल छह वर्षीय छात्र को अगवा होने से बचाया था। बालिका को उठाकर ले जाने की कोशिश करते बाइक सवारों से वह अकेली भिड़ गई थी और बच्चे को छुड़ा लिया था। इसके चलते नाजिया को मुख्यमंत्री ने लखनऊ बुलाकर रानी लक्ष्मीबाई वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया था।

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