हाइवे पर मां-बेटी से दंरिदगी के मामले में जांच कर रही सीबीआइ टीम के एक अफसर ने बुलंदशहर पुलिस की कार्यशैली पर अंगुलिया उठाते हुए कहा है कि ‘पुलिस की लापरवाही से मौका-ए-वारदात के काफी सुबूत नष्ट हो गए। पुलिस को इस स्थान को सील कर देना चाहिए था, इससे जांच सही दिशा में आगे बढ़ती। हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती पुलिस लापरवाही के चलते नष्ट हुए सुबूतों को जुटाना है।’ शनिवार दोपहर सीबीआई टीम गत दिवस 72 घंटे के रिमांड पर लिए गए गैंग सरगना सलीम और उसके दोनों साथियों को लेकर दूसरे दिन फिर घटनास्थल पर पहुंची। जांच की वीडियोग्राफी भी करायी और ग्रामीणों से भी वारदात के बारे में बातचीत की। एक जांच अधिकारी का कहना है कि ‘घटनास्थल पर खड़ी ज्वार की फसल कट चुकी है। खेत में पानी भरा हुआ है। पुलिस ने येलो टेप से घटनास्थल को सील नहीं कराया। फिर भी शुक्रवार को हमारी फारेंसिक टीम ने साक्ष्य जुटाने की कोशिश की। आसपास से शराब की बोतलें, कपड़े आदि कब्जे में लीं।’
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गौरतलब है कि 29 जुलाई की रात नेशनल हाईवे-91 पर मां-बेटी से सामूहिक दुष्कर्म के तीन आरोपियों सलीम, परवेज उर्फ जुबैर व साजिद को शुक्रवार को टीम ने फास्ट ट्रैक कोर्ट से 72 घंटे की रिमांड पर लिया था। शुक्रवार रात पौने दस बजे तीनों का जिला अस्पताल में मेडिकल हुआ। शनिवार सुबह 11.30 बजे टीम तीनों को घटनास्थल पर ले गई। टीम पीड़ित परिवार से भी बदमाशों की शिनाख्त करा सकती है। वारदात के बाद निलंबित हुए पुलिस अफसरों से भी पूछताछ होगी।शुक्रवार को सीबीआइ ने गेस्ट हाउस पहुंचते ही सलीम, परवेज, साजिद के कपड़े, उनकी जनजाति से संबंधित छल्ले, जूते, घटनास्थल पर इस्तेमाल लोहे की पत्ती, शराब के पव्वे, फुटप्रिंट आदि महत्वपूर्ण साक्ष्य कब्जे में ले लिए। 100 पन्नों की पुलिस रिपोर्ट भी सीबीआइ ने कब्जे में ले ली।
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