दुर्गा मूर्ति विसर्जन पाबंदी पर कोर्ट ने लगाई ममता सरकार को फटकार, कहा- अल्पसंख्यकों को खुश करने को मनमानी

0
2 of 2Next
Use your ← → (arrow) keys to browse

इस साल विजयदशमी 11 अक्टूबर है और इसके अगले दिन मुहर्रम है। जस्टिस दत्तान ने पुलिस और प्रशासन को मूर्ति विसर्जन और ताजिए के लिए रूट तलाशने का निर्देश देते हुए कहा कि ध्यान रखिए कि दोनों रास्ते आपस में टकराए ना। कोर्ट ने कहा कि राज्य या केंद्र सरकार की ओर से कभी मुहर्रम की शाम को छुट्टी घोषित नहीं की गई। आदेश के अनुसार, ”प्रशासन यह ध्यान रख पाने में नाकाम रहा कि इस्लाम को मानने वालों के लिए भी मुहर्रम सबसे महत्वरपूर्ण त्योहार नहीं है। राज्य सरकार ने लापरवाही से एक समुदाय के प्रति भेदभाव किया है ऐसा करके उन्होंने मां दुर्गा की पूजा करने वाले लोगों के संवैधानिक अधिकारों पर अतिक्रमण किया।”

इसे भी पढ़िए :  बीजेपी से मुकाबले के लिए, बिहार की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी होगा महागठबंधन

जज ने कहा, ”इससे पहले कभी विजयदशमी के दिन दुर्गा की मूर्तियों के विसर्जन पर पाबंदी नहीं लगाई गई। बैंच के सामने बताया गया कि 1982 और 1983 में विजयदशमी के अगले दिन मुहर्रम मनाया गया लेकिन उस समय कोई पाबंदी नहीं लगार्इ गई।” आदेश में कहा गया कि विजयदशमी हिंदुओं के लिए परंपरा है जिसे आगे नहीं खिसकाया जा सकता। गौरतलब है कि राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ तीन याचिकाएं दायर हुई थीं। ये याचिकाएं दो परिवारों और एक अपार्टमेंट कॉम्लैक्स की ओर से दायर की गई।

इसे भी पढ़िए :  राहुल-अखिलेश के रोड शो में एसपी-बीजेपी कार्यकर्ताओं में झड़प, पत्थरबाजी
2 of 2Next
Use your ← → (arrow) keys to browse