रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज राज्य के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने अमृत दूध के सेवन से आदिवासी बच्चों की मौत का आरोप लगाया और जमकर हंगामा किया। विधानसभा में आज विपक्षी दल कांग्रेस के सदस्यों ने कहा कि मुख्यमंत्री ने लोक सुराज अभियान में बच्चों को अमृत दूध पिलाने की योजना की शुरूआत की थी। जिसका खूब प्रचार भी किया गया। बीजापुर जिले में इस वर्ष 30 मई को बच्चों को दूध पिलाया गया। इसके कुछ ही देर बाद ही बच्चों की तबीयत बिगड़ी और दो बच्चों की मौत हो गई।
कांग्रेस के सदस्यों ने कहा कि राज्य सरकार योजना बनाने से पहले उसके निर्धारित मापदंड का पालन नहीं कर रही है और न ही दूध को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक संसाधनों का उपयोग किया जा रहा है। दूध के सेवन से बच्चियांे की मौत के बाद भी खाद्य एवं औषधि विभाग द्वारा लापरवाही बरतते हुए अमानक दूध का वितरण कराया जा रहा है।
कांग्रेस के सदस्यों ने इस विषय पर सदन की कार्यवाही रोककर चर्चा कराए जाने की मांग की।
राज्य में महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री रमशीला साहू ने कहा कि अमृत दूध काफी पौष्टिक है। बीजापुर जिले में दो बच्चों की मौत के बाद उनके पोस्ट मार्टम रिपोर्ट में स्वांस नली में उल्टी का अंश फंसने से मौत होना बताया गया है। बिसरा रिपोर्ट नहीं आई है। बिसरा रिपोर्ट आने के बाद ही उनकी मृत्यु के कारणों के बारे सही जानकारी मिल सकेगी। मामले की जांच बीजापुर के अनुविभागीय अधिकारी द्वारा कराई जा रही है।
साहू ने कहा कि बीजापुर जिले में दो बालिकाओं की मौत अमृत दूध पीने से हुई है, इसकी पुष्टि नहीं हुई है। आंगनबाड़ी में घटना के दिन सुबह 10 बच्चों को दूध दिया गया था। काफी देर बाद जब बच्चों की हालात बिगड़ी तब गांव के बैगा और गुनिया की मदद ली गई। बच्चों का इलाज झाड़ फूंक से करने की कोशिश की गई लेकिन उन्हें अस्पताल नहीं ले जाया गया।
विपक्ष की ओर से नारेबाजी और हंगामे को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी। बाद में जब सदन की कार्यवही शुरू हुई तब विधानसभा अध्यक्ष ने इस मामले को सदन में किसी न किसी रूप में चर्चा में लेने का आश्वासन दिया।