ये शादी नहीं आसां बस इतना समझ लीजिए, एक उफनती नदी है और तैर के जाना है! पढ़िए जरूर

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मध्यप्रदेश के ओरछा में दो दूल्हे नदी के बहाव की वजह से एक किनारे पर फंस गए…नदी के उस पार दुल्हन उनका इंतजार कर रही थी…. लेकिन बरात के साथ नदी पार कैसे हो, यही ख्याल सबके मन में आ रहा था… दूल्हे तो काफी मशक्कत के बाद बोट से दूसरे किनारे पहुंच गए… लेकिन बरातियों को ट्यूब के सहारे उफनती नदी में तैरकर जाना पड़ा…ये पूरा वाक्या बड़ा ही दिलचस्प है। आप भी गौर से पढ़िए कैसा होगा वो मंजर जब शादी के जोड़े में सजे दूल्हे को नदी पार कर अपनी दुल्हन से सात फेरे लेने पड़े होंगे।

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चारों तरफ पानी ही पानी…..शादी के लिबास में दो सजे-धजे दूल्हे…शादी होनी है लेकिन ये भारी बारिश के चलते ये नदी का बहाव इन्हें अपनी होने वाली दुल्हन से मिलने नहीं दे रहा…और ना ही इनकी सात फेरों की रस्मआदायगी हो पा रही है…..लेकिन कहते हैं कि ऊपरवाला जोड़े बनाता है और उन्हें मिलाने के रास्ते भी बनाता है… ऐसा ही हुआ जीतू और ऐतु के साथ….बारात लगी लेकिन ऐसे जैसे रेस्क्यू चल रहा है…..दूल्हों को तो बोट के सहारे दूसरे किनारे पहुंचा दिया गया…और बारातियों के लिए ट्यूब का सहारा लिया गया इस उफनती नदी को पार कराने के लिए।

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आइये आपको बताते हैं कि ये मुश्किल कैसे बनी….दरअसल मध्यप्रदेश के ओरछा में जामनी और बेतवा नदियों के बीच बसे सिंहपुरा, लोटना गांव बाढ़ से टापू में बदल गए हैं। भारी बारिश के चलते दोनों गांवों के लोगों के आवागमन के रास्ते बंद हो गए हैं। लोटन गांव के ऐतू आदिवासी और जीतू यादव की शादी की तारीख 13 जुलाई पहले ही तय हो गई थी। मौनपुरा गांव में दोनों को बारात ले जाना था….लेकिन बारिश में बारात और दोनों के परिवार नदी के पारॉ फंस गए…जिसके बाद प्रशासन द्वारा रेस्क्यू टीम नाव से सिंहपुरा और लोटना गांव पहुंची और दोनों दूल्हों, परिजनों को नाव से ओरछा लाई…जिसके बाद घंटों मशक्कत करने के बाद शादी हो सकी और आखिर कार दोनों दूल्हों को दुल्हन मिल ही गई….

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