गुजरात के जूनागढ़ जिले में दलित महिला व उसके आठ साल के बेटे से मारपीट के आरोप में एक सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल और एक गांव के उप सरपंच को हिरासत में लिया गया है। इन दोनों को अनुसूचित जाति और जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत हिरासत में लिया गया। 30 साल की प्रभा वाला स्कूल की मिड डे मील रसोई में काम करती है। प्रभा ने शिकायत दर्ज कराई थी कि कुछ लोगों ने 8 जून को उसके व उसके बेटे के साथ मारपीट की।
यह मामला तब प्रकाश में आया जब एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें प्रभा और उसके बेटे को पीटा जा रहा था। दलित नेता जिगनेश मेवानी ने इस वीडियो को ट्विटर पर पोस्ट किया था। वीडियो के साथ लिखा गया, “ऊना में दलितों के साथ हुए अत्याचार की घटना को ज्यादा दिन नहीं हुए और अब गुजरात में यह हुआ है। दलित महिला और उसके बेटे को टुकड़े की तरह फेंक दिया गया।” स्कूल के प्रिंसिपल कालूभाई ठाकरानी ने महिला के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई और प्रताड़ित करने का आरोप लगाया।
प्रभु वाला ने दावा किया कि उसके दलित होने की वजह से उसे मिड-डे-मील के काम से हटाया जा रहा था। उसने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “मैं इस स्कूल में पिछले 10 सालों से काम कर रही हूं। प्रिंसिपल ने मुझे यह कहकर निकालने की कोशिश की थी कि दलित को खाना परोसने जैसा काम नहीं करना चाहिए। जब मैने इंकार किया तो उन्होंने मुझे धक्के दिए और बेटे को फेंक दिया। मुझे गुस्सा आ गया और मैने गांव के एक नेता को तमाचा जड़ दिया। इसके बाद उन सबने मुझे मिलकर पीटा।”
One year of Una is not far and now this happens in Gujarat. Dalit woman and her kid are thrown around like a rag. pic.twitter.com/DgFOuBbxMT
— Jignesh Mevani (@jigneshmevani80) June 14, 2017
प्रभु वाला ने कहा कि मारपीट के बाद वह दो दिन तक अस्पताल में रही थी। उसने कहा, “इन दो दिनों में मुझसे नौकरी छोड़ने को कहा गया और एक आधिकारिक लेटर भी भेजा गया जिसमें बताया गया कि मैं अब इस नौकरी पर नहीं हूं।” प्रभु वाला का पति गिरीश वाला एक अन्य स्कूल में मिड डे मील इंचार्ज है।