दिल्ली महिला आयोग द्वारा राजधानी में स्थित सात यूनिवर्सिटियों और कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के हॉस्टल में आने-जाने के समय को लेकर अलग-अलग नियम और भेदभाव को लेकर नोटिस जारी किया गया है।
आयोग का कहना है कि उन्हें स्टूडेंट-एक्टिविस्ट ग्रुप ‘पिंजरा तोड़’ की ओर से तमाम अकादमिक संस्थानों में हो रहे भेदभाव की रिपोर्ट मिली हैं। इसके बाद आयोग ने सभी यूनिवर्सिटियों और कॉलेजों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
दिल्ली के भीतर स्थित संस्थानों की ओर से आए जवाबों के अनुसार महिला आयोग ने पाया कि नेताजी सुभाष इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, गुरू गोबिंद सिंग इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी, जामिया हमदर्द, जामिया मिलिया इस्लामिया, श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी और ए एंड यू टिबिया कॉलेज में पुरुष और महिलाओं के लिए बाहर जाने और वापस लौटने के अलग-अलग नियम कायदे कानून हैं।
आयोग ने इन संस्थानों के प्रिंसिपल और रजिस्ट्रार से इस मामले पर प्रतिक्रिया मांगी है। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाति मालीवाल कहती हैं ‘उन्होंने कॉलेजों के सामने आने वाली दिक्कतों के बारे में भी पूछताछ की है। वे उन तमाम परेशानियों पर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन गैर भेदभावपूर्ण कैंपस के सवाल पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता।’