अपहरणकर्ताओं ने दोनों भाइयों को 200 करोड़ का ठेका देने के बहाने पटना बुलाया था और हवाई अड्डे से ही दोनों को अपहरण कर लिया था। जिस इलाके से दोनों भाइयों को बरामद किया गया है। वह नक्सलियों का गढ़ माना जाता है। ये क्षेत्र अंतर्गत पहाड़ों और जंगलों के बीच है। यह पूरा नक्सल क्षेत्र है। इसी इलाके में 2010 में पुलिस से नक्सली मुठभेड़ हुई थी जिसमें 6 पुलिस अधिकारी और कर्मी शहीद हो गए थे। हालांकि सूत्रों के मुताबिक दोनों भाइयों के अपहरण में नक्सलियों का हाथ है।
छापे की कार्रवाई के दौरान पुलिस ने मौके से पांच अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक पकड़े गए बदमाशों में कुछ नक्सली भी शामिल हैं। कारोबारी भाईयों को सकुशल बरामद होने से उनके परिवार ने राहत की सांस ली है।
दिल्ली के दोनों अपहृत भाई कपिल और सुरेश शर्मा के मोबाइल का टावर लोकेशन हवेली खगड़पुर (मुंगेर) में मिला था। जैसे ही अपहरणकर्ता दोनों भाईयों को लेकर मुंगेर के हवेली खड़गपुर पहुंचे, वहां दोनों भाइयो का मोबाईल ले लिया गया और स्विच ऑफ कर दिया गया।
सबसे पहले कॉल रात के डेढ़ बजे दोनों के पिता बाबूलाल शर्मा को किया गया जिनसे चार करोड़ की फिरौती मांगी गई।फोन कपिल शर्मा के मोबाइल से की गई। इसी कॉल की लोकशन ट्रेस कर पुलिस मुंगेर पहुंची और तब जाकर इस पूरी साजिश का पर्दाफाश हुआ। फिरौती मांगने के लिए जिन नंबरों का इस्तेमाल किया गया था उनमे दो नंबर पश्चिम बंगाल,एक नंबर दिल्ली ,एक यूपी का था।