वरदात को अंजाम देने से पहले 19 तारीक को भी इन्होंने पूरे दिन वैन का पीछा किया और तीन बार लूट का प्रयास किया। शकरपुर, लक्ष्मीनगर और निर्माण विहार क्षेत्र में भीड़ अधिक होने के कारण आरोपी लूट में नाकाम रहे। प्रताप गंज क्रॉसिंग पर अपने मुनासिब माहौल पाकर इन्होंने देसी तमंचे की नोक पर घटना को अंजाम दिया और रकम लेकर यमुना पुश्ता गए। वहां खाली बैग और बाइक छोड़कर दो बार ऑटो बदलकर तीनो आरोपी घर पहुंचे। एक दिन बाद तीनों हरिद्वार के लिए निकल गए। हरिद्वार पहुंचने के बाद टीवी चैनल्स पर इन्होंने नए नोटो में जीपीएस चिप की खबर सुनी तो पकड़े जाने के डर से इन्होंने पैसों का इस्तेमाल नहीं किया और दिल्ली वापस आ गए।
डीसीपी साथिया सुंदरम अपनी टीम के साथ लुटेरों की खोज में थे। जिसके तहत दिल्ली, हरियाणा और यूपी से लगातार इनपुट्स लिए जा रहे थे। डीसीपी (ईस्ट) ओमवीर सिंह ने बताया कि प्लान के तहत एक मॉल के बाहर से चोरी की गाड़ी में तीनों आरोपियों को पकड़ लिया गया।