पीएम मोदी के नोटबंदी के बाद से पूरे देश में कैश के लिए अफरातफरी फैल गई हैं। जिसके बाद लोग अपने पुराने नोट बदलने के लिए बैकों की लाईनो में लगे नजर आ रहे हैं। नोटबंदी का सीधा असर वैश्यावृति पर भी पड़ा हैं। दिल्ली के कोठे सूने पड़े है वहां की चहल-पहल खत्म हो गई हैं।
क्योंकि यह एक ऐसा धंधा हैं जिसमें सीधे तौर पर कैश की जरूरत पढ़ती हैं। जिसमें वहां काम करने वाली सेक्स वर्कर के बैंक में अकाउंट नही होते हैं। जब उनसे पूछा तो बताया की आज तक धंधे में ऐसी गिरावट कभी नही देखी गई जबकि यहा की पुराने नोटों को भी लिया जा रहा हैं कि बाद में बैंक से बदलवा लेगें और साथ में डिस्काउंट भी दे रहे हैं फिर भी वहां आने वाले ग्राहकों में बहुत कमी आई हैं। बल्कि यह कहा जा सकता हैं कि ग्राहक आ ही नही रहे हैं।
भारत में सभी कारोबार के तरह यह भी नोटबंदी से अछूता नही रहा हैं और यह गिरावट जीबी रोड के छोटे-छोटे कोठो से लेकर बड़े कोठों तक देखी गई है। कस्टमरों की संख्या आधे से भी कम हो गई है। दुनिया का सबसे पुराना पेशा भारत में अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। जैसा कि सब जानते हैं कि सेक्स इंडस्ट्री तो हार्ड कैश पर चलती है। लोगों के पास नए नोट नहीं हैं जिनके पास नए नोट हैं, वो घर की जरूरी चीजें खरीदने में लगे हुए हैं क्योंकि सप्लाई कम है। 100 के नोट लोग बचाकर रख रहे हैं। ऐसे शारिरिक सुख के लिए लोग पैसे खर्च करने से हट रहे हैं।
नोटबंदी की वजह से लगभग एक तिहाई रेट कम कर दिए हैं। जो सेवा पहले 5 हजार में मिलती थी, अब साढ़े 3 हजार में मिल रही है। बताया जा रहा हैं कि सात दिनों से कोई कस्टमर नहीं देखा गया हैं । जहां अमूमन एक लड़की के पास कोठे पर पहले रोज 7-8 कस्टमर आते थे। जबकि पहले 500 का नोट लेने से मना किया। लेकिन फिर बाद में दोबारा शुरू कर दिए हैं। इसके बावजूद भी कोई कस्टमर नहीं आता। जीबी रोड में कुल 150 कोठे हैं। जिनमें 5 हजार सेक्स वर्कर्स काम करती हैं। इनमें से अधिकतर का कोई बैंक अकाउंट नहीं है। ये अपने पुराने बक्सों में पैसे जमाकर रखती हैं।
अगले पेज पर पढ़िए आगे की खबर-