शराबबंदी ने ‘घटाई’ आमदनी, पेट्रोल-डीजल पर वैट बढ़ा

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बिहार में शराबबंदी

पटना : शराबबंदी का असर बिहार में दिखना शुरू हो गया है। सरकार की आमदनी घट गई है और इसकी भरपाई के लिए डीजल पेट्रोल पर वैट बढ़ा दिया गया है। पेट्रोल पर वैट साढ़े 24 फीसदी से बढ़ाकर 26 फीसदी करने का फैसला किया गया है। जिससे पेट्रोल 80 से 85 पैसा प्रति लीटर महंगा हो जाएगा।इसी तरह डीजल पर फीसदी से बढ़ाकर 19 फीसदी कर दिया गया है। जिससे डीजल 60 पैसे प्रति लीटर महंगा हो जाएगा। सरकार का कहना है कि वैट बढ़ाने से हर महीने करीब साढ़े 22 करोड़ रुपये की आमदनी होगी।

शराबबंदी की वजह से बिहार सरकार की कमाई घट रही है। सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष में टैक्स से 22 हजार करोड़ की आमदनी का लक्ष्य रखा है। लेकिन, पहली तिमाही में सिर्फ 25 सौ करोड़ रुपये की आमदनी हुई है। शराबबंदी की वजह से सरकार को सालाना चार से पांच हजार करोड़ की आमदनी कम हो गई है। जानकारों का मानना है कि पांच हजार करोड़ का नुकसान का मतलब 10 हजार करोड़ का नुकसान है।केंद्र की उन योजनाओं के तहत मिलने वाला पैसा भी नहीं मिल पाएगा जिसमें 50 फीसदी पैसा राज्य सरकार को देना होता है। एक अखबार के मुताबिक आमदनी कम होने का असर दिखना शुरू हो गया है। शिक्षकों को समय पर वेतन नहीं मिल रहा है। जनता की भलाई की कई योजनाएं रुक गई हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए हर साल राज्य सरकार को पांच सौ करोड़ देने हैं। वो पैसा भी देने के लिए नहीं है। इस बीच शराबबंदी अभियान के तहत नीतीश कुमार के नालंदा में एक पूरे गांव पर जुर्माना लगा दिया गया है।नालंदा के इस्लामपुर प्रखंड के कैलाशपुरी गांव में ये जुर्माना लगाया गया है। बड़े पैमाने पर देशी और विदेशी शराब मिलने के बाद ये जुर्माना लगाया गया है। गांव में कुल 50 घर हैं। प्रत्येक घर पर पांच हजार जुर्माना लगाया गया है। इस हिसाब से कुल जुर्माना ढाई लाख रुपये हुआ। जिन पर जुर्माना लगाया गया है वो कह रहे हैं कि वो गरीब हैं और जुर्माना नहीं दे पाएंगे।

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अब बीजेपी, नीतीश सरकार की नीति पर सवाल उठा रही है। बीजेपी के प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि बीजेपी शराबबंदी के साथ है, लेकिन, इसके साथ ही नीतियों पर भी काम करने की जरूरत है जो राज्य सरकार नहीं कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार अपराध पर रोक नहीं लगा पा रही है और न ही उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कुछ कर रही है। ऐसे में आय कैसे बढ़ेगी।

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