आंध्र प्रदेश-ओडिशा बॉर्डर पर मुठभेड़ में मारे गए 18 माओवादी, 2 पुलिसकर्मी घायल

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मुठभेड़
ओडिशा और आंध्र प्रदेश की पुलिस के ज्वाइंट ऑपरेशन में उस वक्त बड़ी सफलता हासिल की, जब उड़ीसा के मलकानगिरि जिले में सोमवार तड़के सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ के दौरान 18 माओवादियों को मार गिराया। हालांकि इस एनकाउंटर में दो ग्रेहाउंड कर्मी घायल हुए हैं। आपको बता दें कि इस एनकाउंटर में दो ग्रेहाउंड कर्मी घायल हुए हैं। अन्य जानकारी की प्रतीक्षा की जा रही है।
पुलिस का कहना है कि मुठभेड़ के बाद घटनास्थल से भारी मात्रा में हथियार और गोलाबारूद बरामद किया गया है। इनमें चार एक-47 राइफल, दो एसएलआर और दो इंसास राइफल शामिल हैं। राहुल देव शर्मा ने बीबीसी मीडिया को बताया, ” मुठभेड़ सुबह 6 बजे से शुरू हुई। सुरक्षा बलों का नेतृत्व एक पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारी कर रहे थे। हमें पता चला है कि मारे गए माओवादी छापामारों की लाशें अभी भी वहीं पड़ी हुईं हैं, जहां मुठभेड़ हुई थी। इन लाशों को बरामद करने का काम किया जा रहा है।”

पुलिस को आशंका है कि मुठभेड़ में कई और माओवादी छापामारों को गोलियां लगी हैं, जो वहां से भागने में कामयाब रहे।सुरक्षा बलों ने पूरे जंगल को घेर लिया है। वहां बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। अतिरिक्त सुरक्षा बलों को इलाक़े में भेजा जा रहा है।

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विशाखापत्तनम पुलिस के वरिष्ठ अधीक्षक ने कहा कि मुठभेड़ में मारे गए माओवादी छापामारों की संख्या बढ़ भी सकती है। हालांकि मुठभेड़ में सुरक्षा बलों के कुछ जवानों के घायल होने की बात भी कही जा रही है, लेकिन इसकी अभी पुष्टि नहीं हो पाई है। ओडिशा का मलकानगिरी इलाक़ा छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश से लगा हुआ है। इसे माओवादियों का गढ़ माना जाता है।

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आपको बता दें कि पिछले महीने छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में नक्सलियों का सबसे बड़ा आत्मसमर्पण किया था। 57 महिला और पुरुष नक्सलियों ने समर्पण किया था। 297 नक्सली समर्थक एवं सहयोगियों ने भी पुलिस के समक्ष भविष्य में नक्सलियों का साथ नहीं देने और समाज की मुख्यधारा से जुडक़र रहने का संकल्प लिया।आत्म समर्पित नक्सलियों को शासन की पुनर्वास योजना के तहत प्रत्येक को 10 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि प्रदान की गयी।

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