पुलिस को आशंका है कि मुठभेड़ में कई और माओवादी छापामारों को गोलियां लगी हैं, जो वहां से भागने में कामयाब रहे।सुरक्षा बलों ने पूरे जंगल को घेर लिया है। वहां बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। अतिरिक्त सुरक्षा बलों को इलाक़े में भेजा जा रहा है।
विशाखापत्तनम पुलिस के वरिष्ठ अधीक्षक ने कहा कि मुठभेड़ में मारे गए माओवादी छापामारों की संख्या बढ़ भी सकती है। हालांकि मुठभेड़ में सुरक्षा बलों के कुछ जवानों के घायल होने की बात भी कही जा रही है, लेकिन इसकी अभी पुष्टि नहीं हो पाई है। ओडिशा का मलकानगिरी इलाक़ा छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश से लगा हुआ है। इसे माओवादियों का गढ़ माना जाता है।
आपको बता दें कि पिछले महीने छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में नक्सलियों का सबसे बड़ा आत्मसमर्पण किया था। 57 महिला और पुरुष नक्सलियों ने समर्पण किया था। 297 नक्सली समर्थक एवं सहयोगियों ने भी पुलिस के समक्ष भविष्य में नक्सलियों का साथ नहीं देने और समाज की मुख्यधारा से जुडक़र रहने का संकल्प लिया।आत्म समर्पित नक्सलियों को शासन की पुनर्वास योजना के तहत प्रत्येक को 10 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि प्रदान की गयी।