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बैसाखी के एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे फारूख अब्दुल्ला ने जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या वे पत्थरबाजों के समर्थन में बयान देकर देश की भावनाओं के साथ खिलवाड़ नहीं कर रहे हैं तो उन्होंने कहा कि देश की भावनाएं से आपका क्या मतलब है, आपको देखना होगा कि इन नौजवानों की दिक्कत क्या है, क्या आपको नहीं लगता कि इन्हें भी कुछ परेशानी है, आपको सिर्फ देश की पड़ी है, क्या देश को इन नौजवानों और इनके भविष्य की चिंता है।
बता दें कि कश्मीर के अलग अलग इलाकों में सेना, कश्मीर पुलिस पर पत्थर फेंकने वाले लोग कश्मीरी युवा हैं। इन युवाओं को अलगाववादी पैसे का लालच देकर अपने मुहिम में शामिल करते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इन पत्थरबाजों को एक महीने में 5 से 15 हजार रुपये तक दिया जाता है। अलगाववादी नेता इस मुहिम में मासूम बच्चों को भी शामिल कर लेते हैं।
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