आंकड़े जो आपको चौंका देंगे
बिजली विभाग में दर्ज आंकड़ों के मुताबिक 9 नवंबर को 2 ।07 करोड़, 10 नवंबर को 10 ।75 करोड़, 11 नवंबर को 55 ।07 करोड़, 12 नवंबर को 18 ।30 करोड़ और 13 नवंबर को 16 ।44 करोड़ रुपये बकायेदारों ने जमा किये। बताया जाता है कि मोदी की कालेधन पर की गयी इस कार्रवाई का ठीकरा जहां कारोबारी और व्यापारियों पर फूटा वहीँ कई अफसरों ने भी ब्लैक मनी को वाइट करने के लिए अपने -अपने बिल चुकता कर दिए। यही नहीं इन बकायेदारों के साथ -साथ बिजली विभाग के अफसर भी काफी गदगद बताये जाते हैं।
सूत्रों के मुताबिक बैंक में 500 और 1000 हजार की नोट बदलने में दिक्कत आते देख सरकारी विभागों के खातों में जमकर रकम लोगों ने जमा करना अच्छा समझा। जिसके चलते इतनी रकम जमा हुई कि जिसने पिछले सारे रिकार्ड तोड़ दिए। इंडिया संवाद वेबसाइट की खबर के मुताबिक बताया जाता है की इतनी बड़ी रकम देखकर कर्मियों ने भी कालेधन को सफ़ेद करने का खेल शुरू कर दिया है। इतना ही नहीं इस खेल में विभागीय मंत्री भी प्लेयर बन गए हैं। सूत्रों का दावा है कि विभाग में जमकर कालेधन को सफ़ेद करने का काम शुरू कर दिया गया है।
इसका जीता जगता नमूना ये है कि राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश के 17 जिलों में बने ई-सुविधा केंद्रों पर भीड़ छटने का नाम ही नहीं ले रही है। दिलचस्प यह है कि मोदी की अपील के बाद विभाग ये दावा कर रहा है कि इस महीने अगर काउंटर नहीं खोले जायेंगे तो छोटे नोट को लेकर किल्लत आएगी। बहरहाल इसी आड़ में कालेधन को सफ़ेद करने का कारोबार अफसरों ने शुरू कर दिया है।