खंडवावाला ने कहा कि आतंकवाद के पीड़ितों की सही तरीके से मदद करने और उन्हें मुआवजा दिए जाने से इस समस्या पर काबू पाने में मदद मिल सकती है और एनजीओ इसी दिशा में काम करेगा । उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवादियों की ओर से मारे गए लोगों के परिवारों, आतंकवादियों की ओर से आरोपी बनाए गए लोगों और आतंकवादियों से मुकाबला कर रहे सुरक्षा बलों’’ को मदद करने का काम यह एनजीओ करेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘यदि किसी आतंकवादी के खिलाफ आरोप साबित हो जाते हैं तो जांच एजेंसी और सरकार कहते हैं कि काम हो गया। लेकिन पीड़ितों का क्या ? यहां तक कि आरोपी भी इस देश का नागरिक है । यदि वह जेल जाता है तो उसके परिवार का क्या ? हमें आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए इस दिशा में भी सोचना होगा ।’
उन्होंने कहा कि यह एनजीओ एक गैर राजनीतिक संगठन होगा। वंजारा ने कहा, ‘‘जब गुजरात में आतंकवाद ने अपना सिर उठाया तो पुलिस, नेताओं और केंद्रीय एजेंसियों ने सकारात्मक तरीके से काम किया और संवैधानिक प्रावधानों, पुलिस नियमावली एवं आईपीसी कानूनों के दायरे में रहकर पुलिस ने सही मुठभेड़ कीं और इसे दूसरा कश्मीर बनने से बचाया ।’ उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की वजह से गुजरात एक शांतिपूर्ण राज्य बन सका।