बाबरी मस्जिद विवाद में शांति की अपील करने वाले हाशिम अंसारी का निधन

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हमें शांति चाहिए… चाहे बाबरी मस्जिद ले जाओ..ये कहना था बाबरी मस्जिद विवाद के सबसे उम्रदराज पक्षकार हाशिम अंसारी का। हाशिम अंसारी का 96 साल की उम्र में अयोध्या में निधन हो गया है। बीबीसी हिंदी की खबर के मुताबिक उनके बेटे इक़बाल अंसारी ने पत्रकार समीरात्मज मिश्र को बताया कि बुधवार सुबह वो नमाज़ के लिए नहीं उठे थे, तो परिवारवालों ने पाया की उनकी मृत्यु हो चुकी है।

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साठ साल से ज़्यादा समय तक बाबरी मस्जिद की क़ानूनी लड़ाई लड़ने वाले हाशिम अंसारी के स्थानीय हिंदू साधु-संतों से रिश्ते कभी ख़राब नहीं हुए। वर्ष 2010 में बीबीसी से बातचीत में हाशिम अंसारी ने कहा था, “मैं सन 1949 से मुक़दमे की पैरवी कर रहा हूँ, लेकिन आज तक किसी हिंदू ने हमको एक लफ़्ज़ ग़लत नहीं कहा। हमारा उनसे भाईचारा है1 वो हमको दावत देते हैं। मै उनके यहाँ सपरिवार दावत खाने जाता हूँ।”

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विवादित स्थल के दूसरे प्रमुख दावेदारों में निर्मोही अखाड़ा के राम केवल दास और दिगंबर अखाड़ा के राम चंद्र परमहंस से हाशिम की अंत तक गहरी दोस्ती रही। परमहंस और हाशिम तो अक्सर एक ही रिक्शे या कार में बैठकर मुक़दमे की पैरवी के लिए अदालत जाते थे और साथ ही चाय-नाश्ता करते थे।

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