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गंगा ने कहा कि गर्भवती होने के कारण कोई उसे काम पर रखने को तैयार नहीं है। गंगा ने उसकी मुलाकात आलम व उसकी पत्नी से कराई और भरोसा दिलाया कि वे उसकी देखभाल करेंगे। ज्योति को प्रसव पीड़ा होने पर आलम ने उसे सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया था। जहां उसने एक लड़के को जन्म दिया था। चार दिन तक अस्पताल में रहने के बाद ज्योति और उसके बेटे को आलम अपने घर ले आया। दो दिनों के बाद आलम व उसकी पत्नी ने ज्योति से उसका बच्चा जबर्दस्ती ले लिया और उसे असम जाने वाली ट्रेन में बैठा दिया। ज्योति ने जब बच्चे के बारे में पूछा तो कहा कि तुम्हारी तबीयत खराब है और बाद में वे बच्चे को असम पहुंचा देंगे। उन्होंने ज्योति का मोबाइल फोन भी छीन लिया।
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