पूर्व बीजेपी सांसद तरूण विजय की भी प्रशंसा हुई क्योंकि उन्होंने ही सबसे पहले यह प्रस्ताव रखा था संत तिरूवल्लूवर की प्रतिमा को कन्याकुमारी से हरिद्वार लेकर आए थे।
हरिद्वार के मेला नियंत्रण अगस्त क्रांति भवन में संत तिरूवल्लूवर की प्रतिमा का अनावरण करते हुए मुख्यमंत्री रावत ने कहा, ‘प्राचीन काल के महान संत की मूर्ति स्थापना उत्तराखंड की गंगा जमुनी संस्कृति के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है और यह उत्तर और दक्षिण भारत की संस्कृति को जोड़ने का काम करेगी। तिरूवल्लूवर महान कवि, दार्शनिक और चिंतक थे और उनकी मूर्ति की स्थापना उत्तराखंड राज्य का गौरव बढ़ाएगी।’
संत की प्रतिमा तो महीनों पहले ही हरिद्वार पहुंच गई थी लेकिन स्थानीय पंडितों के विरोध की वजह से अब तक उसकी स्थापना नहीं हो पायी थी। इस मामले पर गंगा सभा अध्यक्ष पुरुषोत्तम शर्मा गांधीवादी ने कहा, ‘गंगा खुद एक देवी हैं तो उनके तट पर किसी दूसरे भगवान या महापुरुष की प्रतिमा लगाने का क्या मतलब?’