चेन्नई – तमिलनाडु की सीएम जे. जयललिता को लेकर सीक्रेसी और प्राइवेसी इस कदर रही है कि उनकी सेवा में लगीं नर्स फोन तक नहीं रख सकतीं। उनके कमरे में सिर्फ पांच लोगों को जाने की इजाजत है। अक्टूबर के आखिर में खबर आई थी कि जया वेंटिलेटर पर हैं और उनकी सेहत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। हालांकि, तब भी यही कहा जा रहा था कि वो ठीक हैं लेकिन शक इसलिए गहराता जा रहा था क्योंकि उनकी बीमारी के बारे में किसी को कुछ नहीं बताया जा रहा था।
दैनिक भाष्कर वेबसाइट का दावा है कि उसकी जर्नलिस्ट उपमिता वाजपेयी ने जब एक डॉक्टर से जया की सेहत पर बात करने की कोशिश की थी तो उसने चौंकाने वाला बयान दिया था। डॉक्टर ने कहा था- ‘मेरी जान और नौकरी दोनों खतरे में है। कोई बात नहीं कर पाऊंगा।’
यहां जयललिता का इलाज कर रहे डॉक्टर्स या कोई कर्मचारी बात करने को तैयार नहीं है। अपोलो हॉस्पिटल के हर कर्मचारी का फोन इन दिनों इंटेलिजेंस एजेंसियों के सर्विलांस पर है। गोपनीयता ऐसी है कि जयललिता की मेडिकल फाइल अपोलो के सिस्टम से खोलने की कोशिश करते पाए गए 3-4 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया। और ये बात सिर्फ अपोलो की ही नहीं है। 23 अक्टूबर तक 43 लोगों पर मुख्यमंत्री की तबियत को लेकर अफवाह फैलाने का आरोप में केस दर्ज हो चुका था। 8 तो गिरफ्तार भी किए गए थे। हैरानी की बात ये भी है कि जया जिस रूम में भर्ती हैं, वहां जाने की इजाजत सिर्फ 5 लोगों को है। इनमें जया की नजदीकी शशिकला भी हैं, जो उनके घर में ही रहती थीं। इसके अलावा फैमिली डॉक्टर शिवकुमार, राज्यपाल और दो अन्य लोग हैं।