JNU में दशहरे के मौके पर एनएसयूआई छात्र संघ द्वारा रावण की जगह पीएम नरेंद्र मोदी का पुतला फूंकने के मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन ने जांच के आदेश दिये हैं। पिछले मंगलवार को एनएसयूआई छात्रों ने केंद्र सरकार के कामकाज को लेकर नाखुशी जताते हुए वहां स्थित साबरमती ढाबा के पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला जलाया था। इसके अलावा इन छात्रों ने योग गुरू रामदेव, साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, नाथूराम गोडसे और आसाराम बापू सहित जेएनयू के कुलपति जगदेश कुमार का भी पुतला जलाया था।
इस मामले में विश्वविद्यालय के कुलपति ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट में लिखा’ ‘जेएनयू में पुतले जलाए जाने की घटना हमारे संज्ञान में आई है। हम इस मालले में सारी जरूरी सूचनाओं के आधार पर जांच कर रहे हैं।’
इस संबंध में एनएसयूआई की तरफ से छात्र नेता सन्नी धीमान ने कहा, ‘हमने कैंपस परिसर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला जलाया था और इसके अतिरिक्त कुछ नहीं हुआ। जेएनयू में किसी मुद्दे पर विरोध जताने के लिए पुतले जलाना एक सामान्य प्रक्रिया है और इसके लिए किसी के इजाज़त की जरूरत नहीं होती।’
कांग्रेस की यूथ विंग एनएसयूआई के कुछ छात्रों ने मौजूदा सरकार से नाराजगी जताते हुए बुराई का प्रतीक रावण की तरह पीएम मोदी को दर्शाते हुए उनका पुतला फूंका। साथ में उन्होने ‘बुराई पर सत्य की जीत होकर रहेगी।’ के स्लोगन भी लगाए।
आपको बता दें कि जेएनयू प्रशासन ने कुछ दिनों पहले ही विश्वविद्यालय परिसर में गुजरात सरकार और गोरक्षकों का पुतला जलाए जाने के मामले में चार छात्रों को प्रॉक्टोरियल नोटिस दिया था।
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