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चिट्ठी में महिला ने लिखा है कि उसने नजीब अहमद को अलीगढ़ की मार्केट में सुरक्षित देखा है। महिला ने यह भी कहा कि नजीब ने उससे मदद मांगी और कहा कि उसे यहां बंद कर के रखा गया है, लेकिन किसी तरह वह भागने में सफल रहा। हालांकि महिला जब तक इसकी जानकारी किसी को देती, नजीब वहां से भाग चुका था या उसे कोई वहां से ले गया था। महिला ने चिट्ठी में अपना पता भी लिखा है ताकि उससे संपर्क किया जा सके।
हालांकि जब क्राइम ब्रांच की टीम उस पते पर पहुंची तो कोई नहीं मिला। चिट्ठी में न तो फिरौती की मांग की गई है न ही उस जगह का जिक्र है जहां नजीब को बंद कर के रखा गया है।
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