खुद घायल, बहते खून के बीच आंखें लेने पहुंच गए
30 मई 2013 का दिन। भारी बारिश। कोटा सेे 75 किमी दूर सांगोद में एक साथ 3 बच्चे डूब गए थे। बाइक लेकर कुलवंत निकल पड़े। बाइक गड्ढे में गिर गई। चोट आई, लेकिन मृतक बच्चों के परिजनों को समझाइश कर नेत्रदान करवा ही लिया। लौटते वक्त फिर बाइक स्लिप हुई। दोबारा जख्मी हुए, पर कॉर्निया बॉक्स को कुछ नहीं होने दिया।
इकलौती साली की शादी का दिन। कॉल आई। कुलवंत नेत्रदान के लिए चल दिए। शाम को लौटे ही थे कि दोबारा दूसरे केस में नेत्रदान के लिए निकलना पड़ा। घर वाले ताने देते रहे। पर इन पर कोई असर नहीं हुआ।
राखी का दिन था। टेक्नीशियन गांव गया हुआ था। अचानक कॉल आया तो कुलवंत साथ में पत्नी को ले गए। जरूरी प्रक्रियाएं पत्नी ने ही पूरी कीं।
दैनिक भास्कर के सौजन्य से खबर और तस्वीरें