बता दें कि मध्यप्रदेश के 7,401 मदरसों में से 2,535 सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त हैं और वे छात्रों को मॉर्डन सब्जेक्ट्स पढ़ा सकते हैं। उनमें से 1,254 प्राथमिक शिक्षा और 1,281 को मीडिल लेवल की मान्यता मिली हुई है। सरकार से मान्यता प्राप्त इन मदरसों में 2.30 लाख से ज्यादा बच्चे पढ़ते हैं। बीजेपी सरकार ने कहा कि संशोधित पाठ्यक्रम छात्रों को यह समझने में मदद करेगा कि इस्लाम में देश के प्रति वफादारी और प्यार के लिए काफी अहम जगह है।
बता दें कि राज्यसभा में 22 मार्च को कांग्रेस के एक सदस्य ने अन्य बीजेपी शासित राज्य उत्तर प्रदेश के मदरसों से जुड़ी समस्याओं का मुद्दा उठाया था और उनके समाधान के लिए केंद्रीय मदरसा बोर्ड गठित किए जाने की मांग की थी। कांग्रेस के संजय सिंह ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाया और कहा था कि उत्तर प्रदेश में करीब 8525 मदरसे मान्यताप्राप्त हैं लेकिन उनमें से 562 मदरसों को ही सरकारी अनुदान मिल रहा है। उन्होंने मदरसों के आधुनिकीकरण पर बल देते हुए कहा था कि इन मदरसों में 20 साल काम करने के बाद भी शिक्षकों को नियमित नहीं किया गया है। सिंह ने कहा था कि मदरसों से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए केंद्रीय मदरसा बोर्ड गठित किया जाना चाहिए और उनके कर्मचारियों को सरकारी वेतन दिया जाना चाहिए।