दिल्ली
जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने आज कहा कि जो भी हिंसा को खारिज करने और शांति बहाली में मदद के लिए तैयार है, उनसे कश्मीर मसले को सुलझाने के लिए बातचीत की जानी चाहिए । उन्होंने यह भी कहा कि यदि अलगाववादी शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं तो बातचीत की प्रक्रिया में उन्हें भी शामिल करने से कोई परहेज नहीं होना चाहिए ।
महबूबा ने कहा कि बातचीत के लिए एक ‘‘सौहार्दपूर्ण माहौल’’ बनाने की जरूरत है और नौजवानों को सुरक्षा शिविरों के ‘‘घेराव और हमले’’ के लिए उकसाने वाले ‘‘मुट्ठी भर लोगों’’ को हिंसा भड़काना बंद करना चाहिए ।
भविष्य के कदम पर चर्चा के लिए कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिल चुकीं महबूबा ने इस बात पर जोर दिया कि बातचीत का स्वरूप पहले से बेहतर होना चाहिए, जब केंद्र सरकार ने वार्ताकारों की नियुक्ति की थी और कार्य समूहों का गठन किया था ।
महबूबा ने पीटीआई-भाषा को दिए गए इंटरव्यू में कहा कि बातचीत की ‘‘कड़ी’’ को वहां से जोड़ने की जरूरत है जहां पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इसे छोड़ा था । उन्होंने कहा कि वाजपेयी ने बाहरी मोर्चे पर पाकिस्तान और अंदरूनी मोर्चे पर हुर्रियत एवं आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन को बातचीत की प्रक्रिया में शामिल कर ‘‘काफी गंभीर कोशिश’’ की थी ।
कश्मीर में कायम मौजूदा अशांति के बीच महबूबा ने कहा, ‘‘मैं जिस बात को लेकर चिंतित हूं और प्रधानमंत्री को भी बताया, वह यह है कि लोगों को अब बातचीत पर यकीन नहीं रहा । लिहाजा, पहले एक संस्था के तौर पर बातचीत बहाल की जानी चाहिए।’’ गौरतलब है कि पिछले 51 दिनों से कश्मीर में जारी अशांति में 68 लोग मारे जा चुके हैं।
महबूबा ने कहा, ‘‘हमें ऐसे लोगों को इसमें शामिल करना चाहिए जिनकी पृष्ठभूमि भरोसेमंद हो और जो दूसरे पक्ष से संवाद कर सके ।’’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने ‘‘इस मसले को सुलझाने के लिए’’ बातचीत के प्रति सहमति जाहिर की है । मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘‘कश्मीर मसले का हल चाहने वालों को समझना चाहिए कि कुछ दिनों या महीनों में हल नहीं निकलने वाला ।’’ उन्होंने कहा, ‘‘क्या हल निकलने तक हम जिंदगी को इतनी मुश्किल बना लेंगे ? क्या हम चाहते हैं कि हमारे बच्चे मारे जाएं ? क्या हम चाहते हैं कि वे ऐसा कुछ करें जिससे जवाबी कार्रवाई हो या वे घायल हों ? सभी को इस पर सेाचने की जरूरत है ।’’ यह पूछे जाने पर कि बातचीत में किसे शामिल किया जाना चाहिए, इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंसा को खारिज करने के लिए जो भी तैयार हो, जो हिंसा का समर्थन न करे और शांति बहाली में मदद करे, उनसे केंद्र सरकार को बात करनी चाहिए ।
क्या हुर्रियत से बातचीत का कोई फायदा होगा, यह पूछे जाने पर महबूबा ने कहा कि हर उस शख्स से बातचीत होनी चाहिए जो शांतिपूर्ण समाधान चाहता है और हालात पर काबू पाने में मदद के लिए तैयार है ।
बातचीत शुरू करने से पहले शांति कायम करने का सुझाव देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आज बातचीत के अलावा कोई विकल्प नहीं है, लेकिन बातचीत होने के लिए, आपको सौहार्दपूर्ण माहौल चाहिए ।’’