ममता बनर्जी के लिए दुश्मन नंबर वन बने मोदी

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कोलकाता : ऐसा लगता है कि तृणमूल प्रमुख व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए राज्य में माकपा व कांग्रेस प्रासंगिक नहीं रह गई है। पिछले 21 वर्षो में 21 जुलाई की हर रैली में ममता के निशाने पर माकपा और उनके नेतृत्व वाला वाममोर्चा रहा करता था, लेकिन गुरुवार को ऐसा नहीं हुआ। यहां तक कि ममता ने इस बार की शहीद दिवस रैली में माकपा व कांग्रेस पर एक शब्द भी खर्च नहीं किया। उनके निशाने पर सिर्फ भाजपा और मोदी सरकार रही। इससे सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि संभवत: ममता अब अपना दुश्मन नंबर वन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मान रही हैं। तृणमूल प्रमुख ने जिस तरह से धर्मतल्ला में आयोजित शहीद दिवस रैली से भाजपा की अगुआई वाली राजग सरकार पर तीखे हमले किए उससे साफ हो गया है कि उनकी नजर आगामी लोकसभा चुनाव व पश्चिम बंगाल में भाजपा के बढ़ते कद पर है। गौरतलब है कि 1952 के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव में भाजपा का खाता खुला और उसने तीन सीटें जीती हैं। ममता ने कहा कि राजनीतिक स्तर पर मुकाबला नहीं कर पाने पर सीबीआइ और अन्य केंद्रीय एजेंसियों को लगाया जा रहा है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोसने के कुछ घंटे बाद ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी प्रधानमंत्री से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये मुखातिब हुईं।

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