जनहित याचिका में उन दोषी अधिकारियों को भी पक्षकार बनाया गया है जिन्होंने नियमों को दरकिनार कर गलत तरीके से मायावती और उनके परिवार के लोगों के पक्ष में खेती की जमीन को आबादी की जमीन के रूप में दिखाते हुए आदेश पारित किया। याचिका पर सुनवाई चीफ जस्टिस डी. बी. भोसले और जस्टिस यशवंत वर्मा की खंडपीठ कर रही है।
गौतमबुद्ध नगर के संदीप भाटी की इस याचिका में कोर्ट से CBI से जांच कराने की मांग की गयी है जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सभी पक्षकारों को अपना पक्ष रखने को कहा है। याचिका में गौतमबुद्धनगर के तत्कालीन SDM के 30 मई 2006 को पारित आदेश को चुनौती दी गयी है। कहा गया है कि SDM ने अधिकारियों के दबाव में गलत तरीके से मायावती व उनके परिवार के लोगों के पक्ष में 47,433 वर्ग मीटर कृषि भूमि को आबादी भूमि घोषित किया था।
अधिकारियों की मिलीभगत से पारित इस आदेश की CBI से जांच की मांग की गयी है। कोर्ट ने नोटिस जारी कर इस मामले से सम्बन्धित एक अन्य लम्बित याचिका के साथ सुनवाई करने का आदेश दिया है।
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