इंफाल: इस साल चार मार्च को देश के उत्तर-पूर्व राज्य मणिपुर में विधानसभा चुनाव होने हैं। जिसको लेकर राजनीतिक दलों ने अपनी कवायदें तेज कर दी हैं। लेकिन इसी बीच मणिपुर में चल रही चुनावी मुहिम को बयां करती एक नई खबर सामने आई है। जिसमें पेट्रोल की ऊंची कीमतों की वजह से वहां के राजनीतिक दलों के उम्मीदवार पैदल चुनाव प्रचार करने को मजबूर हैं।
मणिपुर में नवंबर से जारी आर्थिक नाकेबंदी की वजह से पेट्रोल की कीमत के 200-250 रूपये प्रति लीटर तक पहुंचने के कारण विभिन्न राजनीतिक दलों के उम्मीदवार पैदल चुनाव प्रचार करने को मजबूर हैं। राज्य में सात नये जिले बनाये जाने के विरोध में युनाइटेड नगा कौंसिल (यूएनसी) ने एक नवंबर 2016 से अनिश्चितकालीन आर्थिक नाकेबंदी शुरू की हुई है। नाकेबंदी के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग के अवरूद्ध होने से मणिपुर में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हो गयी है।
अधिकतर पेट्रोल पंप पर ईंधन की बहुत भारी किल्लत हो गयी है। जिसके बाद राज्य में इसकी ब्लैक मार्केटिंग शुरु हो गई है। हालत यह हो चुकी है कि राज्य में पेट्रोल 200 से 250 रुपये प्रति लीटर की हिसाब से बिक रहा है। इसके कारण राजनीतिक पार्टियां प्रचार के लिए न्यूनतम वाहनों का इस्तेमाल कर रही हैं।
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