नीतीश ने जहां एक और नोटबंदी पर समर्थन जारी रखने की घोषणा की वहीं यूनिफार्म सिविल कोड के लिए राष्ट्रीय विधि आयोग द्वारा राज्यों से राय मांगे जाने पर आपत्ति जाहिर की। नीतीश ने साफ कहा कि यह बिलकुल गलत है और फिलहाल इसके लिए माहौल नहीं है। उन्होंने कहा कि सभी सामाजिक संगठनों से विचार विमर्श करने के लिए केंद्र सरकार को सलाह दी है और कहा है कि राज्यों को जिस तरह प्रश्नावली भेजकर राय मांगी गई है, वह उचित नहीं है। राज्यों के साथ ऐसा व्यवहार किया जा रहा है जैसे हम किसी परीक्षा में बैठे हों और वहां हां या न में जवाब देना है। नीतीश ने केंद्र को सलाह दी कि हमारे समाज में जो विभिन्नता है उसे खत्म करने की कोशिश न करें। पहले नीतीश कुमार ने कैबिनेट से केंद्र की प्रश्नावली को खारिज कर दिया था।
नीतीश कुमार ने इस बैठक में कर्पूरी ठाकुर के बहाने बीजेपी की जमकर आलोचना यह कहते हुए की कि जिन लोगों ने कर्पूरी के जिंदा रहने पर उनका विरोध किया, अब उनकी जयंती माना रहा हैं। इसका मतलब है कि थक हारकर उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया। हम लोगों की बहुत बड़ी जीत है। नीतीश कुमार ने शराबबंदी के मुद्दे पर बिहार बीजेपी के नेताओं की आलोचना पर कहा कि अब वे प्रधानमंत्री से आग्रह करेंगे कि उनके नेताओं का मन ठीक नहीं हो रहा है इसलिए सभी बीजेपी शासित राज्यों में शराबबंदी लागू कर दीजिए। नीतीश ने शराबबंदी के मुद्दे पर मानव श्रृंखला में बच्चों की भागीदारी पर बीजेपी नेताओं द्वारा की गई आलोचना का जवाब देते हुए कहा की जब वे आरएसएस की शाखा में लेकर जाते हैं तब उन्हें खराब नहीं लगता लेकिन अगर अच्छे कामों के लिए बच्चे आगे आए तब उन्हें विरोध का मुद्दा दिखता है।