पटना : बिहार सीएम नीतीश कुमार ने देश के अलग-अलग हिस्सों में चल रहे किसान आंदोलनों को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला है। सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नीतीश कुमार ने किसानों के लिए राष्ट्रीय नीति नहीं बनाने को लेकर मोदी सरकार की खिंचाई की। राष्ट्रपिता गांधी पर की गई टिप्प्णी के संबंध में नीतीश ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पर भी निशाना साधा। नीतीश के निशाने पर कृषि मंत्री राधामोहन सिंह भी रहे जिनके गलत योग पॉश्चर का सीएम ने मजाक उड़ाया, साथ ही चुनौती भी दे डाली कि हिम्मत है तो चुनाव करा कर देख लो।
सोमवार को काफी दिनों बाद नीतीश ने पीएम मोदी के खिलाफ सीधा हमला बोला। नीतीश ने कहा कि 2014 के चुनाव से पहले बीजेपी ने किसानों के मुद्दे पर तमाम वादे किए थे। नीतीश ने कहा, ‘तब मोदीजी बीजेपी के पीएम उम्मीदवार थे। उन्होंने किसानों को लेकर कई वादे किए थे। ये बातें बीजेपी के घोषणापत्र में शामिल की गईं थीं।’ नीतीश कुमार ने कहा कि आज किसानों को उनकी उपज की उचित कीमत नहीं मिल रही है।
बिहार सीएम ने किसानों के संकट के संबंध में राष्ट्रीय स्तर पर नीति नहीं बनाने के लिए मोदी सरकार की आलोचना की। नीतीश ने कहा कि सबसे पहले तो किसानों के लिए उत्पादन मूल्य का निर्धारण होना चाहिए। उन्होंने मंदसौर घटना और महाराष्ट्र के किसान आंदोलनों के संदर्भ में कहा कि कोई समस्या खड़ी होने पर लोन माफ कर देना जैसे उपायों से फौरी तौर पर तो राहत मिल जाएगी लेकिन कृषि संकट दूर नहीं होगा।
नीतीश ने किसानों की आमदनी दोगुनी करने के मोदी सरकार के वादे का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आज किसान की आमदनी ग्रुप डी के कर्मचारी से भी कम है। उनके लिए राष्ट्रीय स्तर पर सोच विकसित करनी होगी। नीतीश कुमार ने कहा, ‘किसान संकट का इससे बड़ा प्रमाण क्या होगा कि मराठा, जाट, पाटीदार जैसे समूह जो कभी कृषि क्षेत्र में काफी सशक्त थे आज इतने पिछड़ गए कि आरक्षण की मांग के लिए मजबूर हो गए। विभिन्न प्रांतों में लोग आज आरक्षण की मांग कर रहे हैं तो यह वाकई में किसान संकट है।’