अदालत ने बाबा रामदेव के खिलाफ वांरट जारी कर 14 जून को अदालत में पेश होने को कहा था। लेकिन सुनवाई के लिए कोर्ट नहीं पहुंचे। जिसके बाद 3 अगस्त को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने का आदेश जारी हुआ है। बता दे बाबा रामदेव ने पिछले साल एक टिप्पणी की थी जिसमें उन्होंने भारत माता की जय नहीं बोलने वालों के सिर काट लेने की बात कही थी।
बता दें कि कांग्रेस के पूर्व मंत्री सुभाष बत्रा ने रामदेव के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का केस दर्ज कराने के लिए अदालत में याचिका दायर की थी। इस मामले में कई बार निर्देश मिलने के बावजूद बाबा रामदेव कोर्ट में पेश नहीं हुए। और पिछले महिने केवल पेश होने का वारंट जारी किया गया था। लेकिन बाबा रामदेव उस समय भी कोर्ट में पेेश नहीं हुए। जिसके बाद रोहतक के एसपी को आदेश दिया कि स्वामी रामदेव को गिरफ्तार कर कोर्ट में करें।
गौरतलब है कि जाट आरक्षण आंदोलन में हिंसा के बाद रोहतक में सद्भावना सम्मेलन हुआ था। इसमें भाग लेने स्वामी रामदेव भी पहुंचे थे। उनपर आरोप है कि उन्होंने सम्मेलन के दौरान भड़काऊ भाषण दिया था। बत्रा ने आरोप लगाया कि सम्मेलन में अपने भाषण में स्वामी रामदेव ने कहा था कि अगर संविधान से उनके हाथ बंधे नहीं होते तो ‘भारत माता की जय’ का नारा नहीं लगाने वाले लाखों लोगों का वह सिर कलम कर देते।
रामदेव का यह बयान तब सामने आया था, जब हैदराबाद स्थित एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि वह ‘भारत माता की जय’ नहीं बोलेंगे। अगर उनकी गर्दन पर कोई चाकू रख दे, तब भी नहीं बोलेंगे। महाराष्ट्र की रैली में दिए गए उनके इस बयान के कुछ ही दिन बाद महाराष्ट्र विधानसभा से ओवैसी की पार्टी के विधायक को इसीलिए निकाल दिया गया, क्योंकि उन्होंने ‘भारत माता की जय’ नहीं बोला।