अब ट्रेन ड्राइवरों को निशाना बना रहे हैं अपराधी

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दरअसल रेलवे ट्रैक के किनारे बनी झुग्गियों की वजह से ऐसे अपराध बढ़ रहे हैं। दिल्ली में रेलवे की जमीन पर 46,693 झुग्गियां बसी हुई हैं। इसमें से साढ़े 24 हजार झुग्गियां सेफ्टी जोन यानी रेलवे ट्रैक से 15 मीटर के अंदर हैं। इसलिए इन स्थानों पर एहतियातन ट्रेनों की रफ्तार कम करनी पड़ती है। दिल्ली-आजादपुर रेलखंड पर ट्रेन की गति सीमा 110 किलोमीटर प्रति घंटा है, लेकिन अतिक्रमण के कारण रफ्तार 20-50 किलोमीटर प्रतिघंटा ही रहती हैं। कई स्थानों पर तो रफ्तार दस किलोमीटर तक करनी पड़ती है। इसका फायदा उठाकर अपराधी ट्रेन में सवार होकर यात्रियों से लूटपाट करते हैं। कई अपराधी इंजन में चढ़कर चालक व सहचालक पर हमला कर उन्हें ट्रेन रोकने का दबाव बनाते हैं।

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ऐसी घटनाओं से भयभीत रेल चालकों के प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) से मिलकर सुरक्षा उपलब्ध कराने की मांग की है। रेलवे अधिकारी भी ट्रैक किनारे बनी अवैध झुग्गियों को रेल परिचालन व यात्रियों के लिए खतरा मानते हैं। उनका कहना है कि झुग्गी झोपड़ी पर होने वाली राजनीति की वजह से समस्या बढ़ती जा रही है।

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