उत्तर प्रदेश के बरेली में 16 साल की नाबालिग रेप पीड़िता ने गुरुवार को ऐंबुलेंस में ही बच्चे को जन्म दिया। पिछले पांच महीने से अपने अनचाहे गर्भ को गिराने की कानूनी लड़ाई को लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी से लेकर पुलिस और कोर्ट के चक्कर काट रही थी। लेकिन उसे कोर्ट की ओर से गर्भपात करवाने की इजाजत नहीं मिली। वह अपनी यह लड़ाई हार गई।
लेकिन उसके साथ जो हुआ अगर आप उसे जानेंगे तो आपके भी आंसू छलक जाएंगे। एक शख्स जिसके घर वह खाना बनाती थी उसने नाबालिग के साथ रेप किया जो कि अब जेल में है। उसकी मेडिकल रिपोर्ट में पता चला कि वह 19 हफ्ते और 6 दिनों की गर्भवती है। तब से परिवार ने अनचाहे गर्भ को गिराने की कानूनी लड़ाई शुरू की। उन्होंने कोर्ट में कहा कि आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के कारण वह बच्चे का पालन पोषण नहीं कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि बच्चे की वजह से हरदम शर्मिंदगी भी महसूस करनी पड़ेगी। लेकिन कोर्ट ने उनकी दरख्वास्त खारिज कर दी।
बुधवार को जब नाबालिग को प्रसव पीड़ा हुई। परिवार वालों का कहना है कि पास के प्राथमिक अस्पताल की नर्स को जब रेप केस के बारे में पता चला तो उसने प्रसव कराने से इनकार कर दिया। इसके बाद परिवार ने नाबालिग को बरेली जिला अस्पाताल ले जाने का फैसला किया। परिवार वाले उसको सामुदायिक स्वास्थय केंद्र लेकर पहुंचे, जहां उसे भर्ती करने से मनाकर दिया। पीड़िता के पिता ने बताया कि बेटी को प्रसव पीड़ा होने पर वो उसे शेरगढ़ सामुदायिक स्वास्थय केंद्र लेकर गये जहां नर्स ने उसका प्राथमिक इलाज किया, लेकिन जैसे ही उसे पता चला वो रेप पीडिता है तो उसने इलाज करने से मना कर दिया। जिस कारणवश पीड़िता को चलती एबुलेंस मं बच्चे को जन्म दिया।