जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की पत्नी पायल अब्दुल्ला को हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें सरकारी बंगला खाली करना ही होगा।
अदालत ने उन्हें सुझाव दिया कि वे किसी भी प्रकार के विवाद में पड़ने की जगह सीधे तौर पर सरकारी बंगला खाली कर दें। फिलहाल अदालत ने इस मुद्दे पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। ट्रायल कोर्ट भी पायल के आवेदन को खारिज चुका है।
न्यायमूर्ति इंद्रमीत कौर ने मामले की सुनवाई के दौरान पायल के वकील से पूछा की कितने समय में वह आवास खाली कर देंगी। आप को आवास खाली करने के लिए समय चाहिए तो कुछ समय दिया जा सकता है। पायल के अधिवक्ता ने कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दिया। आखिर अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। अदालत ने कहा कि वे इस मामले में विस्तृत निर्णय देंगे।
सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि हर व्यक्ति को अपने कार्यालय से सेवानिवृत्त होने के बाद वहां से जाना पड़ता है। ऐसे में पायल को भी सरकारी आवास खाली करना ही होगा।
अदालत ने कहा कि जहां तक उनकी सुरक्षा का मुद्दा है दिल्ली में रहने के दौरान पायल व उनके बच्चों को दिल्ली पुलिस जेड व जेड प्लस सुरक्षा प्रदान कराएगी।
केंद्र सरकार ने पायल अब्दुल्ला को लुटियन जोन 7 अकबर रोड में आवंटित बंगले को खाली करने का निर्देश दिया है। पायल ने इस निर्णय को चुनौती दी है। पायल के अनुसार उसे व उसके बच्चों को जेड और जेड प्लस सुरक्षा प्राप्त है। उनकी सुरक्षा में 94 सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। सरकार उन्हें निजी फ्लैट में जाने के लिए कह रही है जहां उनकी सुरक्षा करना संभव नहीं है।