Use your ← → (arrow) keys to browse

वहीं, इस तरह के सिनेमा हॉल में नियमित तौर पर जाने वाले लोगों ने मिलीजुली प्रतिक्रिया दी। पहचान सार्वजनिक न किए जाने की शर्त पर एक 20 साल के स्टूडेंट ने कहा कि सॉफ्ट पॉर्न फिल्मों से पहले राष्ट्रगान नहीं बजाया जाना चाहिए क्योंकि इन फिल्मों के दर्शकों की मानसिक अवस्था अलग होती है। स्टूडेंट के मुताबिक, राष्ट्रवाद इन दर्शकों के दिमाग में आने वाली सबसे आखिरी चीज होगी। वहीं, इस स्टूडेंट के दोस्त नाजिम ने कहा, ‘मैं राष्ट्रगान के लिए खड़ा हो जाऊंगा। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि यह कहां और कब बज रहा है।
Use your ← → (arrow) keys to browse































































