जम्मू-कश्मीर सरकार ने केबल नेटवर्क के जरिए घाटी में प्रसारित किए जाने वाले कुछ पाकिस्तानी और सऊदी कट्टरपंथी टीवी चैनलों पर शिकंजा कसा है। बिना इजाजत के चल रहे इन चैनलों पर सख्ती बरतने के बाद पाकिस्तानी मीडिया बौखला गया है और इन चैनलों के गुण गाने लगा है। पाकिस्तान के प्रमुख समाचारपत्र और न्यूज वेबसाइट ‘डॉन’ ने सरकार की सख्ती पर ऐतराज जताते हुए इन बैन चैनलों का बखान शुरू कर दिया।
राज्य सरकार के गृह मंत्रालय ने प्रतिबंधित चैनलों पर तुरंत पूरी तरह से रोक लगाने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है। राज्य सरकार ने 34 चैनलों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का आदेश दिया है। इनमें हम टीवी, जियो न्यूज, जियो तेज, एक्सप्रेस न्यूज, ए टीवी, अब तक न्यूज, 92 न्यूज, सऊदी सुन्नाह, सऊदी कुरान, अल अरेबिया, पैगाम, हिदायत, नूर, मदानी, सहर, कर्बला, अहलीबात, फलक, जियो न्यूज, अल कुरान, सामना न्यूज और जाकिर नाइक का पीस टीवी शामिल हैं। कश्मीर में प्राइवेट केबल ऑपरेटर बिना इजाजत के प्रतिबंधित चैनलों का प्रसारण करते हैं।
राज्य गृह मंत्रालय ने कश्मीर में देशविरोधी और समाजविरोधी तत्वों द्वारा सोशल मीडिया के दुरुपयोग और भड़काऊ संदेशों को वितरित करने की रिपोर्ट्स के बाद 22 सोशल नेटवर्किंग साइटों पर भी एक महीने के लिए बैन लगाया था। घाटी में मोबाइल और इंटरनेट पर भी रोक लगाई गई थी। जिन 22 सोशल नेटवर्किंग साइटों पर एक महीने का प्रतिबंध लगाया गया था उनमें फेसबुक, ट्विटर, वॉट्सऐप, वीचैट, क्यूजोन, गूगल प्लस, स्काइप, स्नैपचैट, यूट्यूब शामिल थीं। दरअसल कश्मीर में सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी की लगातार हो रही घटनाओं के पीछे सोशल मीडिया का बड़ा रोल माना जा रहा है। अभी हाल ही में 300 ऐसे वॉट्सऐप ग्रुप की पहचान हुई जिनका इस्तेमाल युवाओं को पत्थरबाजी के लिए लामबंद करने में किया जा रहा था। देशविरोधी तत्व आतंकियों के खिलाफ सुरक्षा बलों के ऑपरेशन की जानकारी सोशल मीडिया के द्वारा फैला देते हैं, जिससे थोड़ी ही देर में आस-पास के पत्थरबाज मुठभेड़स्थल पर पहुंच जाते हैं और सुरक्षाबलों पर पथराव करने लगते हैं।
एक स्थानीय निवासी के अनुसार, ‘कुछ सऊदी और पाकिस्तानी चैनल कट्टरवादी विचारधारा को फैलाने का काम कर रहे हैं। वे इस्लाम और शरिया का गलत प्रचार करके लोगों को भड़काने का काम करते हैं। इन चैनलों पर वहाबी मौलाना कहते पाए जाते हैं कि महिलाएं अपने पति के सामने आत्मसमर्पण कर दें और केवल उनकी बात मानें। सऊदी सुन्नाह चैनल पर कहा गया, ‘किसी महिला को बिनापति की इजाजत लिए घर के बाहर कदम नहीं रखना चाहिए।’