पैरेंट्स के प्रदर्शन से जाहिर है कि आम कश्मीरी भी अलगाववादियों के दोहरे रवैये को समझने लगे हैं और अपनी नाराजगी का इजहार करने लगे हैं। अलगाववादियों पर यह आरोप लगते रहे हैं कि वे घाटी के नौजवानों को गुमराह कर उनके हाथों में बंदूक थमा रहे हैं, लेकिन अपने बच्चों को विदेशों में पढ़ा रहे हैं। पिछले 3 महीनों से कश्मीर घाटी अशांत है और इस दौरान भी अलगाववादियों का दोहरापन साफ देखा जा सकता है।
हिजबुल आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से ही हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने घाटी के सिर्फ एक स्कूल को छोड़कर बाकी स्कूलों को बंद करा रखा है। श्रीनगर के दिल्ली पब्लिक स्कूल में हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन सैयद अली शाह गिलानी की पोती पढ़ती है। स्कूल ने हाल ही में नौवीं और दसवीं क्लास के छात्रों के लिए इंटरनल एग्जाम कराया था, जिसमें गिलानी की पोती भी शामिल हुई थी, जो दसवीं क्लास की छात्रा है।
School bandh karne se kaunsi azadi mil jayegi?: Parent protesting against shutdown of schools in Kashmir valley pic.twitter.com/b48umNVhvQ
— ANI (@ANI_news) October 29, 2016
गौरतलब है कि कश्मीर में सक्रिय आतंकी संगठन और अलगाववादी लगातार स्कूलों को निशाना बना रहे हैं। इन हमलों से वह स्कूलों को बंद कराने की नापाक कोशिश में जुटे हुए हैं। पिछले 3 महीने से जम्मू-कश्मीर में जारी असंतोष के बीच 20 स्कूलों की बिल्डिंग में आग लगा दी गई। मुठभेड़ में हिज्बुल आतंकी बुरहान बानी की मौत के बाद घाटी में सभी स्कूल 8 जुलाई से बंद हैं।