बगैर कस्टम ड्यूटी में बढ़ोतरी किए अगर चीनी उत्पादों के आयात में 25-30 फीसद कमी आ जाती है, तो अगले दो सालों में चीन अपने आप भारत के सामने घुटने टेक देगा। उत्तरप्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष एसके जैन ने बताया कि संगठन से जुड़े सभी दुकानदार चीनी उत्पादों की बिक्री नहीं कर रहे हैं। जिन्होंने कई महीनों पहले ऑर्डर दे दिए थे, उन्हें अब निरस्त कर दिया गया है। जिन दुकानदारों के पास पुराने स्टॉक के चीनी उत्पाद बचे हैं, वे भी उन्हें नहीं बेच रहे हैं। मॉल, मार्केट और शापिंग कांप्लेक्सों में लोगों को भारतीय उत्पाद खरीदने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। जहां मेक और मेड इन इंडिया उत्पादों के ज्यादा गुणवत्ता परख और दीर्घकालिक फायदों के बारे में भी जानकारी दी जा रही है। जैन ने बताया कि चीनी उत्पादों के बहिष्कार की मुहिम को लेकर प्रधानमंत्री के नाम एक पत्र भी भेजा गया है। जिसमें चीन के सामान की कीमत भारतीय उत्पाद के समकक्ष बनाने के लिए कस्टम ड्यूटी बढ़ाने की मांग की गई है।
नोएडा केमिस्ट असोसिएशन ने मेड इन इंडिया थीम से लोगों को जागरूक बनाने के लिए अनूठी पहल शुरू की है। असोसिएशन के अध्यक्ष अनूप खन्ना ने बताया कि मेडिकल स्टोरों पर ज्यादातर भारतीय दवाएं बिकती हैं। दिवाली पर मिट्टी के दिए जलाने की परंपरा रही है। जिसे अब चीन निर्मित लाइट, फैंसी लड़ी आदि ने काफी हद तक प्रभावित किया है। मेड इन इंडिया और भारतीय उत्पादों की खरीदारी प्रेरित करने के लिए असोसिएशन सदस्यों की करीब 1500 दवा दुकानों पर मिट्टी के 11 दिए के पैकेट उपलब्ध कराए गए हैं। थोक विक्रेताओं के पास 100 और मेडिकल स्टोर पर 10-10 पैकेट (प्रत्येक पैकेट में 11 दिए) महज 10 रुपए की कीमत पर उपलब्ध कराए गए हैं। दवा खरीदने वालों को यह पैकेट 10 रुपए कीमत या मुफ्त (दुकानदार की स्वेच्छा) देकर दिवाली की शुभकामना देने का फैसला लिया गया है।