एलजेपी प्रमुख ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘नीतीश महात्मा गांधी बनने के लिए शराब कानून का प्रचार कर रहे हैं और किसी घर में शराब की बोतल पाए जाने पर जुर्माना लगाने के अलावा परिवार के सभी वयस्क सदस्यों को जेल भेजने की कोशिश कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘अगर शराब की बोतल पाए जाने पर किसी परिवार के सभी वयस्क सदस्यों को जेल भेजा जा सकता है तो राज्य में शराब की बोतल बरामद होने पर मुख्यमंत्री को भी जेल जाना चाहिए।’
बिहार में मद्यनिषेध कानून को रद्द करने के पटना हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लेकर पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘हमारी पार्टी का शुरू से रुख है कि हम शराबबंदी के पक्ष में हैं और उसके खिलाफ नहीं। लेकिन हम नए शराब कानून के तहत कड़े दंडात्मक प्रावधानों को नामंजूर करते हैं, जो नागरिकों के मौलिक अधिकार और निजता का उल्लंघन करते हैं।’ उन्होंने कहा कि पार्टी का मानना है कि उपअधीक्षक से नीचे रैंक के पुलिस अधिकारी को बिना वारंट के किसी भी परिसर की तलाशी/जांच करने की मंजूरी नहीं होनी चाहिए, क्योंकि यह ‘नैसर्गिक न्याय’ के खिलाफ है।
पासवान ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लेकर कहा, ‘उच्चतम न्यायालय के रोक लगाने का मतलब यह नहीं है कि मामले पर फैसला हो गया, न्यायालय मामले की जांच कर रहा है और मामले की सुनवाई शुरू होनी बाकी है।’