नई दिल्ली:उत्तराखंड के भाजपा नेता और पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत पर दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराने वाली महिला बुधवार को अपने बयान से पलट गई। उसने वकील के साथ साकेत कोर्ट जाकर शपथ पत्र देकर अपना बयान बदल दिया। महिला ने बताया कि वर्ष 2002 और 2003 के केस के सिलसिले में उसने पहले ग्रीन पार्क में रह रहे हरक सिंह रावत से फोन पर बात की। उसके बाद बीते शुक्रवार को उनके घर गई। उसने रावत से कुछ पैसे एडवांस मांगे तो उन्होंने उससे कहा कि वह पैसे नहीं देंगे चाहे वह केस को फिर से रिओपेन करा सकती है।
यह बात जब मैंने एक परिचित से बताई तो उसने उससे कहा कि वह रावत से लगातार संपर्क में रहे। बहकावे में आकर मैंने दोबारा रावत पर दुष्कर्म का आरोप लगा दिया। शपथ पत्र में महिला ने कहा कि उसके साथ दुष्कर्म नहीं हुआ है। उसके झूठे आरोप के कारण हरक सिंह रावत का काफी नुकसान हुआ है। इसके लिए वह उनसे हाथ जोड़कर मांफी मांगती है। उसने यह भी कहा कि वह पुलिस में दोबारा बयान लिखवा दिया है कि उसके साथ दुष्कर्म नहीं हुआ है। वह अपना केस वापस ले रही है। बयान बदलने पर दिल्ली पुलिस का कहना है कि अगर इस मामले में हरक सिंह रावत की ओर से शिकायत दी जाएगी तो पुलिस महिला के खिलाफ केस दर्ज कर लेगी। ज्ञात रहे इससे पहले महिला ने आरोप लगाया था कि शुक्रवार रात रावत ने उसे अपनी कोठी पर बुलाकर दुष्कर्म किया था।
विरोध करने पर उसे जान से मार डालने की धमकी दी गई। यह महिला 2003 में भी रावत के खिलाफ देहरादून में दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज करा चुकी है। उस समय रावत कांग्रेस में केबिनेट मंत्री थे। आरोप की वजह से उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। मामले में सीबीआइ जांच कराई गई थी। महिला के बच्चे का डीएनए टेस्ट भी किया गया था। जांच में आरोप फर्जी पाए जाने पर रावत को क्लीन चिट दे दी गई थी।
भाजपा ने मांगा सीएम का इस्तीफा
दुष्कर्म के आरोप में पूर्व मंत्री और भाजपा नेता हरक सिंह रावत के फंसने के मामले के बुधवार को नाटकीय मोड़ लेने से उत्तराखंड की सियासत में नया तूफान खड़ा हो गया है। आरोप लगाने वाली महिला के पांच दिन बाद मुख्यमंत्री समेत चार लोगों को पूर्व मंत्री के खिलाफ साजिश रचने का दोषी ठहराने के बाद बैकफुट पर नजर आ रही भाजपा एकाएक सरकार और कांग्रेस पर हमलावर हो गई है। भाजपा ने हरक समेत कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए अन्य नेताओं पर जानबूझकर मुकदमे दर्ज करने और उन्हें फंसाने का आरोप मढ़ा है। नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट ने तो मुख्यमंत्री और सरकार से इस्तीफे की मांग कर डाली है। वहीं नए घटनाक्रम से सकते में आई कांग्रेस ने इसे भाजपा की ही साजिश करार देते हुए पूरे प्रकरण की हाई कोर्ट के सिटिंग जज से जांच कराने की मांग की है।
“मेरे खिलाफ राजनीतिक साजिश की गई। जांच होनी चाहिए कि इसके पीछे कौन लोग हैं। मुझे और मेरे परिवार को जानबूझकर परेशान किया जा रहा है। जनता के सामने आना चाहिए कि वे कौन लोग हैं जो लड़कियों का इस्तेमाल कर मुझे फंसाना चाहते हैं। हरीश रावत सरकार जबरन मुझे घोटालों में फंसाना चाहती है।”