आयकर विभाग ने कस दिया हैं शिकंजा
इन बैंकों में बड़े नेताओं और उनके परिजनों के खाते हैं। इतना ही नहीं कुछेक के बैंकों के संचालक मंडल में भी नेताओं के परिजन शामिल हैं। ये सभी बैंक रायपुर, दुर्ग राजनादगांव के शहरी इलाकों में संचालित हैं। इनमें 8, 9, 10 दरम्यान 300 करोड़ से अधिक राशि जमा कराई गई है। इस खबर के बाद आयकर विभाग ने इन बैंकों पर शिकंजा कस दिया है। आयकर विभाग ने आरबीआई के रायपुर कार्यालय के अलावे राज्य के सहकारिता विभाग अपेक्स बैंक प्रबंधन से भी बिजनेस का पूरा लेखा जोखा मांगा है। यह जानकारी 30 नवम्बर तक देने को कहा गया है।
छत्तीसगढ़ एपेक्स बैंक के अध्यक्ष अशोक बजाज ने इस बात को स्वीकारा है कि सहकारी बैंकों में नोटबंदी के दौरान लगभग 300 करोड़ रुपये जमा हुए हैं। हालांकि उन्होंने इसका कोई तिथिवार ब्यौरा नहीं दिया। उनके मुताबिक इनकम टैक्स विभाग ने जो जानकारी मांगी है, उसे समय पर देने के लिए प्रयास किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में सहकारी बैंकों में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों का दबदबा है। कई नेता और उनके परिजन बैंकों के संचालक मंडल में शामिल हैं। लिहाजा अंदेशा जाहिर किया जा रहा है कि किसानों को मोहरा बना कर यह रकम उनके खातों में जमा कराई गयी है।
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